मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के संघर्ष को तीन महीने से भी ज्यादा का समय हो चुका है। दो समुदायों के बीच संघर्ष से उत्प्पन हिंसा ने अबतक 181 लोगों की जान ली है। अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स द्वारा बीते हफ्ते जारी आंकड़ों के अनुसार इनमें से कुकी लोगों की संख्या 113 है, जबकि मैतेई समुदाय के 62 है। वहीं इस हिंसा में 50 हजार से ज्यादा लोग घायल हो चुकें हैं। इस हिंसा में सबसे ज्यादा प्रभावित महिलाएं और बच्चे हुए हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय अनुसार इस जातीय संघर्ष में 14 हजार ,763 स्कूल जाने वाले बच्चे विस्थापित हुए हैं। डी डब्लु की एक खबर अनुसार मणिपुर के चार जिले चूड़ाचांदपुर (4,099) कांगपोकपी (2,822), बिष्णुपुर (2,063) और इंफाल पूर्व (2,053) में विस्थापित स्कूली बच्चों की संख्या सबसे अधिक है।
दरअसल 2 अगस्त को शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने तृणमूल कांग्रेस विधायक डोला सेन के एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए राज्य सभा को बताया कि मणिपुर सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी अनुसार राज्य में वर्तमान स्थिति के कारण कुल 14 हजार 7 सौ 63 स्कूल जाने वाले बच्चे विस्थापित हुए हैं। विस्थापित छात्रों का स्कूलों में दाखिला करवाने हेतु हर एक राहत शिविर में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। विस्थापित छात्रों में से करीब 13 हजार 806 छात्रों को पास के स्कूलों में निशुक्ल प्रवेश दिया गया है। गौरतलब है कि डोला सेन ने हाल ही में मणिपुर का दौरा किया था। वे मणिपुर का दौरा करने वाले 21 सदसयसीय विपक्षी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थी। मंत्रालय द्वारा विस्थापित छात्रों की वर्तमान प्रवेश की स्थिति का विवरण देते हुए कहा कि कामजोंग, जिरीबाम, थौबल, वांगोई, बिष्णुपुर, इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्वी जिलों में सभी विस्थापित छात्रों को पास के स्कूलों में प्रवेश दिया गया है।
पडोसी राज्य मिजोरम के शिक्षा निदेशक लालसंगलियाना अनुसार बच्चों की स्थिति पर विचार करते हुए जरुरी दस्तावेज न होते हुए भी स्कूलों में दाखिला लेने की अनुमति दी गई है। हिंसाग्रस्त मणिपुर से अपने परिवारों के साथ आए 1हजार 500 से अधिक बच्चों ने मिजोरम के कई स्कूलों में दाखिला लिया है। गौरतलब है कि बहुत से ऐसे परिवार हैं जो अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए दिल्ली आ पहुंचे हैं। इंडियन एक्सप्रेस की एक ख़बर मुताबिक दिल्ली शिक्षा विभाग के अनुसार 138 मणिपुरी बच्चों ने दिल्ली के स्कूलों में दाखिला लिया है। जबकि 290 एप्लीकेशन अभी प्रक्रिया में हैं