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नौकरानी के इश्क में पागल बेटे ने सुपारी देकर करा दी घर के चार सदस्यों की हत्या

नौकरानी के इश्क में पागल बेटे ने सुपारी देकर करा दी घर के चार सदस्यों की हत्या

दुनिया में सबसे बड़ा रिश्ता खून का रिश्ता होता है और जब कोई खून के रिश्तों का ही खून करे तो इसे क्या कहा जाएगा? क्या यह समाज में आ रही संवेदनहीनता है या परिवार के प्यार पर हावी होता अवैध संबंधों का खुमार है, जिससे खून के रिश्ते कलंकित हो रहे हैं।

जिन हाथों ने बेटे की उंगली पकड़कर चलना सिखाया वही बेटा एक दिन मां-बाप का कातिल बन जाएगा, यह कोई सोच भी नहीं सकता है। जिस तरह यूपी के प्रयागराज में सनसनीखेज वारदात हुई है उससे परिवार नामक संस्था भी संदेह के दायरे में आ गई है। अवैध संबंधों में बाधक बनने पर सनकी बेटे ने अपने ही परिवार के चार सदस्यों की हत्या की सुपारी दे डाली।

प्रयागराज जिले के धूमनगंज के प्रीतमनगर में विवेकानंद चौराहे के पास रहने वाले 55 वर्षीय तुलसी राम केसरवानी की बिजली के उपकरण की दुकान थी। घर में पत्नी किरण, बेटी गुडिय़ा, बेटा आतिश और बहू प्रियंका थी। दोपहर में उनका बेटा आतिश किसी को पैसा देने के लिए घर से कटरा निकला था। तब घर में तुलसीराम के साथ ही उनकी पत्नी, बेटी और बहू थे।

इसी दौरान तुलसीराम समेत चारों लोगों की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई। कुछ देर बाद आतिश घर लौटा तो कमरे में पिता, मां, पत्नी और बहन की खून से लथपथ लाश देखकर चीख पड़ा। तुलसीदास का इकलौता बेटा आतिश था। बाद में आतिश ने चौहरे हत्याकांड का मुकदमा दर्ज करा दिया। बताया जा रहा है कि आतिश की कोई संतान नहीं है।

प्रयागराज के एसएसीपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज के अनुसार, तुलसीदास केसरवानी के बेटे आतिश ने ही इस हत्या का षड्यंत्र रचा था और उसने तीन लोगों को आठ लाख रुपये में हत्या की सुपारी दी थी। पुलिस कप्तान की मानें तो पुलिस ने तुलसीदास के बेटे आतिश और हत्यारोपी अनुज श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर लिया है और बच्चा श्रीवास्तव और एक अन्य की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।

प्रयागराज एसएससपी ने इस बाबत जब जांच कराई तो जांच में यह बात सामने आई कि आतिश ने घर से निकलते समय एक आरोपी को घर में प्रवेश दिला दिया था और स्वयं बैंक के लिए निकल गया था।

प्रयागराज जोन के एडीजी प्रेम प्रकाश ने पत्रकारों को बताया कि तुलसीदास केसरवानी (65 वर्ष), उनकी पत्नी किरण केसरवानी (60 वर्ष), बहू प्रियंका (22 वर्ष) और बेटी निहारिका उर्फ गुड़िया (37 वर्ष) की कल अपराह्न करीब 3 बजे धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी।

एडीजी प्रेम प्रकाश के अनुसार, मृतक तुलसीदास केसरवानी के पुत्र आतिश केसरवानी ने बताया था कि वह दोपहर डेढ़ बजे बैंक गया था और जब वह वापस लौटकर आया तो घर का दरवाजा नहीं खुला था। धक्का मारकर दरवाजा खोला और जब घर के भीतर गया तो उसने मकान के भूतल पर दो शव देखे और फिर पहली मंजिल पर गया जहां उसने तीसरा शव देखा था।

प्रेम प्रकाश ने बताया कि बकौल आतिश जब वह नीचे आया तो उसने कूलर की घास से ढका अपने पिता का शव देखा था। बाद में उसने ड्रामा करते हुए बकायदा चारों की हत्या का मामला दर्ज कराया था। प्रयागराज के एसएसपी ने इस सनसनीखेज वारदात की जांच के लिए पांच टीम तैनात की थी। जिसमें मोबाइल की लोकेशन, बताए गए घटनाक्रम की जांच की गई और आसपास के हिस्ट्रीशीटरों के बारे में पता लगाया गया। इस घटना में तेज धारदार हथियार का इस्तेमाल किया गया ।

पुलिस के अनुसार आतिश के घर में धूमनगंज की रहने वाली एक महिला घरेलू काम करती थी। जिससे उसका संबंध हो गया था। महिला का विकलांग पति एजी ऑफिस में काम करता था लेकिन एक फर्जीवाड़े के मामले में उसे बर्खास्त कर दिया गया।

जिसके बाद पेट पालने के लिए महिला घरेलू काम करने लगी थी। जानकारी पर परिवारवालों ने मना किया लेकिन वह महिला को छोड़ने केा तैयार नहीं हुआ। इस बात को लेकर उसकी पत्नी प्रियंका से आए दिन कलह होती थी। उधर वह महिला के ऊपर जमकर पैसे भी उड़ाता था। जिसका परिवार वाले विरोध करते थे।

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