नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जीवन की जंग हार गए हैं। आज उन्होंने अंतिम सांस ली। 10 अगस्त को उन्हें तबियत खराब होने पर सेना के रिसर्च ऐंड रेफरल (आरआर) अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसी दिन जांच में वे कोरोना पॉजिटिव भी पाए गए। उनके मस्तिष्क में क्लॉट हटाने की सर्जरी के बाद वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। सर्जरी के बाद भी उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ। विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उनके स्वास्थ्य की लगातार निगरानी करती रही, लेकिन अंत में वे जीवन की जंग हार गए।
प्रणव मुखर्जी का जन्म 11 दिसम्बर1935 को पश्चिम गबंगाल के वीरभूम जिले में मिराती गाँव में हुआ था।उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से इतिहास और राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर के साथ ही कानून की डिग्री भी हासिल की थी। वे एक वकील और कॉलेज प्राध्यापक भी रहे। राजनीति में उनका एक शानदार कैरियर रहा। 1969 में वे पहली बार कांग्रेस के टिकट पर राज्यसभा सदस्य चुने गए। इसके बाद कई बार राज्यसभा में चुने गए। केंद्र में कई विभागों के मंत्री रहे। वित्त मंक्षी के तौर पर उनका कार्यकाल काफी लोकप्रिय माना जाता है। केंद्र में महत्वपूर्ण विभागों का दायित्व निभाने वाले प्रणब मुखर्जी को भारत का राष्ट्रपति बनने का गौरव भी प्राप्त हुआ। यही नहीं 26 जनवरी 2019 को उन्हें भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया।