दिल्ली से लोकसभा सांसद रह चुके कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को सुप्रीम कोर्ट से एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। वर्ष 1984 सिख विरोधी दंगों के मामले में कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व कांग्रेसी नेता सज्जन कुमार की उस याचिका को आज 4 सितम्बर को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत दिए जाने का अनुरोध किया था।
प्रधान न्यायधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘माफ कीजिए। हम इच्छुक नहीं हैं। खारिज।’ दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 17 दिसंबर 2018 को मामले में उन्हें और अन्य को दोषी ठहराया गया जिसके बाद से कुमार आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।
सज्जन कुमार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने दलील दी कि कुमार को स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत दी जानी चाहिए क्योंकि वह 20 महीनों से जेल में हैं और उनका वजन करीब 16 किलो कम हो गया है। उन्हें पहले से हुए कई रोगों का भी इलाज कराने की जरूरत है।
कुछ दंगा पीड़ितों की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एच एस फूलका ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि कुमार को जिस उपचार की जरूरत है वह अस्पताल में उन्हें दिया जा रहा है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक-दो नवंबर 1984 को दक्षिण पश्चिम दिल्ली में पालम कालोनी के राज नगर पार्ट-1 इलाके में पांच सिखों की हत्या और राज नगर पार्ट-2 में एक गुरुद्वारा जलाने के मामले में निचली अदालत द्वारा 2013 में कुमार को बरी किये जाने के फैसले को पलट दिया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर 1984 को उनके दो सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या किये जाने के बाद दंगे भड़क गए थे।
बता दें कि दिल्ली से लोकसभा सांसद रह चुके कांग्रेस नेता सज्जन कुमार पर हत्या, साजिश, दंगा भड़काने और भड़काऊ भाषण देने का आरोप था। पिछले साल दिल्ली हाई कोर्ट की डबल बेंच ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के एक मामले में निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए कांग्रेस नेता सज्जन को कुमार दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। साथ ही पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। इसके बाद से वह मंडोली जेल में सजा भुगत रहे हैं।
- 1-सज्जन कुमार ने 1980 में अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ते हुए दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री चौधरी ब्रह्म प्रकाश को हराया था। लोकसभा चुनाव में इस जीत ने उन्हें तत्कालीन कांग्रेस नेता संजय गांधी की नजरों में ला लिया था। इसके बाद वह उनके करीबियों में शुमार रहे।
- 2-1991 में सज्जन कुमार भारतीय जनता पार्टी के साहब सिंह वर्मा को शिकस्त देते हुए बाहरी दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद बने थे। साहिब सिंह वर्मा वही नेता हैं, जो बाद में दिल्ली के मुख्यमंत्री भी बने थे।
- 3 -सज्जन कुमार को 2004 में भी कांग्रेस पार्टी ने टिकट दिया था और उन्होंने लोकसभा का चुनाव भी जीता था।
- 4 -2004 और 2009 में कांग्रेस ने सिखों की नाराजगी के मद्देनजर टिकट नहीं दिया था।