चेन्नई। पुलिस ने 1 दिसंबर को पूर्व जज सीएस कर्णन को गिरफ्तार कर किया है। कर्णन मद्रास और कोलकाता हाईकोर्ट के पूर्व जज रहे हैं। उन पर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों और उनकी पत्नियों के खिलाफ अपमानजनक बयानबाजी का आरोप है। मद्रास हाईकोर्ट के एक एडवोकेट ने 27 अक्टूबर को जस्टिस कर्णन के खिलाफ शिकायत की थी। इस शिकायत के बाद मद्रास हाईकोर्ट के कुछ सीनियर वकीलों ने चीफ जस्टिस आॅफ इंडिया एसए बोबडे को चिट्ठी भी लिखी। इसमें जस्टिस कर्णन के गलत बयान का जिक्र किया था। जस्टिस कर्णन का एक वीडियो सामने आया था। इसमें उन्होंने महिलाओं, जजों और उनकी पत्नियों के खिलाफ गलत बयानबाजी की थी। यौन शोषण की बात भी कही गई।
जस्टिस कर्णन ने कहा था। महिला कर्मचारियों का यौन शोषण होता है। जस्टिस कर्णन का वीडियो अक्टूबर माह में सामने आया था। इस वीडियो में उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जज कोर्ट की महिला स्टाफ और जजों का यौन शोषण करते हैं
जस्टिस कर्णन ने कहा था। महिला कर्मचारियों का यौन शोषण होता है। जस्टिस कर्णन का वीडियो अक्टूबर माह में सामने आया था। इस वीडियो में उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जज कोर्ट की महिला स्टाफ और जजों का यौन शोषण करते हैं। वकीलों ने सीजेआई बोबडे को पत्र लिखकर कहा है कि जस्टिस कर्णन के बयान महिलाओं के सम्मान के खिलाफ हैं। कर्णन के ऊपर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। मद्रास हाईकोर्ट ने 1 दिसंबर को ही तमिलनाडु के डीजी और चेन्नई पुलिस कमिश्नर को इस मामले में कार्रवाई करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने दोनों अफसरों को 7 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होकर जस्टिस कर्णन के खिलाफ जांच की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दे दिया था।
हाईकोर्ट में तमिलनाडु बार काउंसिल की ओर से जस्टिस कर्णन के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। वर्ष 2017 में कर्णन को जज रहते हुए जेल की सजा मिली। वहीं वर्ष 2017 में जस्टिस कर्णन को छह महीने की जेल की सजा मिली। कर्णन देश के पहले ऐसे जज थे, जिन्हें पद पर रहते हुए सजा मिली। उस समय वह कलकत्ता हाईकोर्ट के जज थे। उस दौरान सुप्रीम कोर्ट के 7 जजों की बेंच ने पश्चिम बंगाल पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश दिया। एक हफ्ते के दौरान उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जस्टिस कर्णन 2009 में पहली बार मद्रास हाईकोर्ट में जज बनाए गए थे। वर्ष 2016 में उनका ट्रांसफर कोलकाता हाईकोर्ट में हुआ था। जस्टिस कर्णन ने पद पर रहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पत्र लिखकर सीनियर जजों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। वह एंटी करप्शन डायनेमिक पार्टी के तरफ से लोकसभा का चुनाव लड़े थे। इसमें उन्हें बुरी तरह हार मिली थी।