गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। पहले चरण में 89 सीटों पर 1 दिसंबर, तो दूसरे चरण में 93 सीटों पर 5 दिसंबर को मतदान होगा ,जबकि गुजरात चुनाव के नतीजे हिमाचल प्रदेश के साथ ही 8 दिसंबर को आएंगे,लेकिन इससे पहले भाजपा को बड़ा झटका लगा है।
दरअसल,गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने ऐलान किया है कि वह इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे।वहीं नितिन पटेल ने भी सीआर पाटिल
को खत लिखकर कहा है कि वह भी चुनाव नहीं लड़ना चाहते है। इन दोनों के अलावा कुछ अन्य नेताओ के नाम भी सामने आए हैं जिन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है।रुपाणी सरकार के कुल 8 मंत्रियों ने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है। विजय रुपाणी सरकार के मंत्रिमंडल में शिक्षा और राजस्व मंत्री रहे भूपेंद्र सिंह चुडासमा चुनाव नहीं लड़ेंगे। इसी के साथ गृह राज्यमंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा ने भी चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है। ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल जो कि बोटाद से विधायक हैं वह भी चुनाव नहीं लड़ेंगे।भावनगर से विधायक और रुपाणी सरकार में मंत्री रहे विभावरी बेन दवे भी चुनाव नहीं लड़ेंगे।रुपाणी सरकार के मंत्री कौशिक पटेल, वल्लभ काकडिया और योगेश पटेल भी चुनाव नहीं लड़ेंगे।इससे पहले ही चर्चा थी कि भाजपा अपने कई दिग्गज नेताओं और विधायकों का टिकट काट सकती है। ऐसा हुआ भी है भाजपा ने महजूदा 38 विधायकों के टिकट काट दिए है।
गौरतलब है कि,विजय रुपाणी और नितिन पटेल गुजरात के बड़े नेताओं में शामिल है,इनका राज्य में अच्छा पकड़ मना जाता है। इनके चुनाव न लड़ने की वजह से भाजपा को नुकसान का भी सामना करना पद सकता है।विजय रुपाणी राजकोट पश्चिमी विधानसभा सीट से दूसरी बार विधायक हैं और नितिन पटेल मेहसाणा विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं /आनंदीबेन पटेल की जगह विजय रुपाणी ने मुख्यमंत्री का पद संभाला था, लेकिन पांच साल बाद 2021 के चुनावों से एक साल पहले रूपाणी को पद छोड़ना पड़ा और उनकी जगह भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाया गया। ऐसे ही नितिन पटेल 1990 से विधायक हो रहे हैं और आनंदीबेन और रुपाणी सरकार में डिप्टी सीएम रहे, लेकिन 2021 में उन्हें भी सत्ता से देखल होना पड़ा था।