दो सप्ताह पहले जब उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाया गया तो उन्हें यह नहीं बताया गया कि आखिर किस वजह से उन्हें सीएम पद से बेदखल किया गया । शायद यही वजह है कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के बनने के कुछ देर बाद जब त्रिवेंद्र सिंह रावत से पत्रकारों ने पूछा कि उन्हें क्यों हटाया गया तो उनका जवाब चौंकाने वाला था । तब त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा था कि यह सवाल दिल्ली वालों से कीजिए, इसका जवाब दिल्ली वालों के पास है ।
त्रिवेंद्र सिंह रावत का इशारा साफ था । जिसमें वह भाजपा आलाकमान की तरफ इशारा कर रहे थे। साथ ही वह यह भी कह रहे थे कि उनका दोष क्या है, उन्हें नहीं बताया गया। अब 2 सप्ताह बाद आखिर उन्हें अपने मन की बात कही है। जिसमें वह अभिमन्यु के उदाहरण के साथ अपने साथ हुए छल की तरफ इशारा करते नजर आते हैं।
आज देहरादून के बालावाला में एक होली मिलन समारोह में वह मुख्य अतिथि थे। बालावाला स्थित न्यू मिलन वेडिंग प्वाइंट में हुए होली मिलन में उन्होंने कहा कि मैं राजनीति की काजल की कोठरी से साफ-सुथरा निकला। मैं यह नहीं जानता कि मुझे सीएम पद से क्यों हटाया गया। उन्होंने कहा कि मैंने जो भी योजनाएं लागू कीं, वो उत्तराखंड, महिलाओं और युवाओं की मजबूती के लिए थीं। त्रिवेंद्र बोले, मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि मेरे राजनैतिक जीवन का आप आकलन करें तो कभी यह नहीं पाएंगे कि मुझे मेरी मां, बहनों और भाइयों से आंख से आंख मिलाने पर दिक्कत हो।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेद्र सिंह रावत ने कहा कि राजनीतिक रूप से जो भी कष्ट मुझे मिलेंगे, मैं झेलूंगा, लेकिन अपने रास्ते से नहीं हटूंगा। कुछ कार्यकर्ता भावुक भी हो रहे हैं, उसकी जरूरत नहीं है। हम पांडवों की धरती के लोग हैं, जब कुरुक्षेत्र में अभिमन्यु को छल से मारा गया तो द्रौपदी ने शोक नहीं किया, बल्कि दोनों हाथ उठाकर उस छल का बदला लेने के लिए पांडवों को प्रेरित किया।