अरूणाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल माता प्रसाद का निधन हो गया। उन्हें लखनऊ के एसजीपीजीआई अस्पताल में भर्ती किया गया था। वे (95) वर्ष के थे। एसजीपीजीआई ने कहा कि पूर्व राज्यपाल का 20 जनवरी की रात 12 बजे के लगभग देहांत हो गया। उन्हें 19 जनवरी को हालत बिगड़ने पर एसजीपीजीआई में भर्ती किया गया था और उन्हें इमरजेंसी वार्ड में रखा गया। चिकित्सकों के प्रयासों के बावजूद उन्हें बचा नहीं सके।
माता प्रसाद का जन्म जौनपुर जिले के मछलीशहर तहसील के कजियाना मोहल्ले में 11 अक्टूबर 1924 को हुआ था। वर्ष 1942-43 में मछलीशहर से हिंदी-उर्दू में मिडिल परीक्षा पास की। गोरखपुर के एक स्कूल से ट्रेनिंग के बाद वह यहां के मड़ियाहूं ब्लाॅक क्षेत्र के प्राइमरी स्कूल बेलवा में सहायक अध्यापक के रूप में कार्यभार संभाला। उन्होंने गोविंद, विशारद के अलावा हिंदी साहित्य की परीक्षा पास की। लोकगीत और गाने का बहुत ज्यादा शौक था। उनकी कार्य कुशलता को देखते हुए। वर्ष 1955 में जिला कांग्रेस कांग्रेस कमेटी का भी सचिव बनाया गया थ।
माता प्रसाद राजनीति में स्वर्गीय बाबू जगजीवन राम को अपना आदर्श मानते थे। माता प्रसाद जिले के जौनपुर के शाहगंज अपना रिजर्व सीट थे। विधानसभा राज्य से कांग्रेस के टिकट पर 1957 से 1974 तक लगातार पांच बार विधायक बने रहेे। वर्ष 1980 से 1992 करीब 12 वर्ष तक उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य भी रहे। प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी सरकार में वह राजस्व मंत्री भी रह चुके थे। कांग्रेस के नरसिम्हा राव सरकार ने 21 अक्टूबर 1993 को माता प्रसाद को अरुणाचल प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया था।