केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन अध्यादेशों को लोकसभा और राज्यसभा से पारित कर दिया गया है। अब यह बिल राष्ट्रपति के पास जाएंगे, राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद बिल कानून का रूप ले लेंगे। लेकिन लोकसभा और राज्यसभा में इन बिल पर काफी बहस हुई, राज्यसभा में सभापति ने कुछ सांसदों को निलंबित तक कर दिया। पंजाब हरियाणा और यूपी के कुछ हिस्सों में जोरदार प्रदर्शन के बाद केंद्र सरकार ने पहली बार समय से पहले सितंबर माह में ही रबी की 6 फसलों का एमएसपी 6% तक बढ़ा दिया है। यह घोषणा कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा के कार्यवाही के दौरान की। कैबिनेट की आर्थिक मामलों के कमेटी ने यह फैसला लिया है।
किसानों के कल्याण के लिए कार्य करना हमारे लिए बड़े सौभाग्य की बात है। अन्नदाताओं के हित में काम करने की हमारी प्राथमिकताओं के अनुरूप कैबिनेट ने एमएसपी बढ़ाने का एक और ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इससे करोड़ों किसान लाभान्वित होंगे। https://t.co/qn0r5USZC7
— Narendra Modi (@narendramodi) September 21, 2020
केंद्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि “सरकार अगले सीजन से गेहूं का एमएसपी 50 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ा रही है। अब गेहूं का एमएसपी 1,975 रुपए क्विंटल होगा। चने व सरसों के एमएसपी में 225 रु. का इजाफा किया गया है”। किसानो को भरोसा दिलाते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि समर्थन मूल्य की प्रक्रिया जारी रहेगी।
राज्यसभा में हुए हंगामे पर सभापति वेंकैया नायडू ने कहा “उपसभापति को शारीरिक रूप से धमकी दी गई। अगर समय से मार्शल न आते तो उनके साथ बहुत बुरा होता। उपसभापति के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव भी उन्होंने खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह उचित प्रारूप में नहीं है और 14 दिन का नोटिस भी नहीं दिया गया है”।
वहीं दूसरी तरफ पंजाब हरियाणा के किसानों ने 25 सितंबर को किसान कर्फ्यू का ऐलान किया है। आज कृषि से जुड़ा आवश्यक वस्तु विधेयक राज्य सभा पेश किया जाएगा। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने कृषि बिल को लेकर राष्ट्रपति को पत्र लिखा है। जिसमे उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अपील की है कि वह इन बिलों पर हस्ताक्षर न करें।