मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक वेबिनार शृंखला शुरू की गई हैं। जिसमें नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत, नीति आयोग के एडवाइजर संजय कुमार झा, प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, टाटा पावर, विश्व बैंक, अटल बिहारी बाजपेयी सुशासन संस्थान, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु और कई विशेषज्ञों ने अपने-अपने सुझाव दिए हैं।
पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा, “आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रदेश को ग्लोबल वैल्यू चेन और ग्लोबल सप्लाई चेन से जोड़ना होगा। मध्यप्रदेश में नेशनल लॉजिस्टिक हब बनाने की अपार संभावनाएं हैं। बासमती चावल सहित जिलों की विशेष वस्तुओं की जीआई टैगिंग करानी होगी।”
सुरेश प्रभु ने आगे कहा, “टूरिज्म एवं टाइगर सफारी को बढ़ावा देना होगा। प्रदेश के टाइगर रिजर्व को एडॉप्ट करना यहां के टूरिज्म को बढ़ावा देने में सहायक होगा।” वहीं नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा, “मध्यप्रदेश को देश का नंबर वन राज्य बनाने के लिए मिलकर पूरे प्रयास किए जाएंगे। प्रदेश में एक डेशबोर्ड बनाएंगे। इससे सभी जिलों की मासिक रैकिंग की सकेगी। और यह जानकारी भी मिलेगी कि कौन-सा विभाग कैसा काम कर रहा हैं।”
राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वेबिनार में कहा कि इस मंथन का जो निचोड निकलेगा, उससे त्रिस्तरीय रोडमैप बनेगा। पहले, दूसरे और तीसरे वर्ष के लक्ष्य के साथ ही वार्षिक लक्ष्य भी प्रत्येक तिमाही में प्राप्त करने की कोशिश होगी। इसे जल्द ही जनता के सामने रखा जाएगा और स्वतंत्रता दिवस पर उन्हें इसकी रणनीति से अवगत कराया जाएगा।
वहीं नीति आयोग के एडवाइजर संजय कुमार साहा ने कहा, “आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश में सभी लोगों को 800 मीटर के अंदर परिवहन का कोई न कोई स्टेशन या साधन उपलब्ध होना चाहिए।” यह वेबिनार चार दिन तक चलेगा, जिसमें अलग-अलग विषयों के विशेषज्ञ प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सुझाव देंगे। पहले दिन भौतिक अधोसंरचना पर विचार किया गया। बाकी तीन दिन अलग-अलग विषयों पर विचार-विमर्श होगे। ताकि प्रदेश को नंबर वन राज्य बनाया जा सकें।