मध्यप्रदेश का विधानसभा सत्र आज शुरू हुआ और उसके कुछ ही देर बाद स्थगित हो गया। प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन विधानसभा सुबह 11 बजे पहुंचे और सदन को संबोधित करते हुए अपना अभिभाषण शुरू किया। राज्यपाल लालजी टंडन ने अपने अभिभाषण में कहा, “सभी सदस्यों को शुभकामना के साथ सलाह देना चाहता हूं कि प्रदेश की जो स्थिति है, उसमें अपना दायित्व शांतिपूर्ण तरीके से निभाएं।” जैसे ही राज्यपाल के अभिभाषण खत्म हुआ सदन में जोरदार हंगामा शुरू हो गया। उसके बाद विधानसभा स्थगित कर दिया गया।
#MadhyaPradesh Chief Minister Kamal Nath and other MLAs assemble at the State Assembly in Bhopal. https://t.co/0Q9qCmjOtS pic.twitter.com/9HOhGp9Gw5
— ANI (@ANI) March 16, 2020
बता दें कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को बीते रात करीब 12:00 बजे राज्यपाल लालजी टंडन ने बुलाया था। दोनों के बीच फ्लोर टेस्ट को लेकर चर्चा हुई थी। राज्यपाल ने 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट होने की बात कही। लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि वो कभी भी इसके लिए तैयार हैं पर पहले बेंगलुरु से उनके विधायकों को बुलाया जिसे भाजपा ने कैद कर रखा है। उसके बाद राज्यपाल से मिल कर लौटे कमलनाथ ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने मीडिया को बताया, “मेरे पास गवर्नर का कॉल आया था। उन्होंने मुझे विधानसभा सदन के निर्विघ्नं संचालन पर बातचीत करने के लिए बुलाया था। मैंने उन्हें बताया कि विश्वास मत पर मतदान का फैसला विधानसभा अध्यक्ष करेंगे।”
Madhya Pradesh Assembly session adjourned till 26th March, in view of #Coronavirus. pic.twitter.com/GsM2gvQXAk
— ANI (@ANI) March 16, 2020
उन्होंने कहा, “मैंने राज्यपाल को बता दिया है कि मुझे फ्लोर टेस्ट पर कोई आपत्ति नहीं है। जो विधायक बेंगलुरु में बनाए गए हैं। उन्हें मुक्त करा कर भोपाल लाया जाए। उनकी स्वतंत्रता सुनिश्चित हो जाए। उसके बाद में किसी भी तरह के टेस्ट के लिए तैयार हूं।” उसके बाद उन्होंने कहा कि इस बारे में कल सुबह विधानसभा अध्यक्ष से बात करूंगा।
शनिवार को राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के नाम चिट्ठी लिखी थी। जिसमें फ्लोर टेस्ट के लिए निर्देशित किया था। क्योंकि कमलनाथ सरकार के कई मंत्रियों ने दावा किया था कि राज्यपाल महोदय फ्लोर टेस्ट के लिए आदेश नहीं दे सकते। यह विशेष अधिकार विधानसभा अध्यक्ष के पास सुरक्षित है। राज्यपाल के पूरक पत्र ने स्थिति को बदल दिया है।
पत्र में राज्यपाल ने लिखा था, “प्रिय कमलनाथ जी, कृपया मेरे अर्थ शासकीय पत्र क्रमांक 77/ पीएसजी/ 2020/ दिनांक 14 मार्च 2020 का अवलोकन करने का कष्ट करें, जिसके अंतिम पैरा की कंडिका दो के संबंध में भारतीय जनता पार्टी से प्राप्त अभ्यावेदन एवं मध्य प्रदेश विधान सभा सचिवालय से प्राप्त जानकारी से यह ज्ञात हुआ है कि वर्तमान में मध्यप्रदेश विधानसभा में बटन दबाकर मतदान करने की व्यवस्था नहीं है। इस कारण इस प्रक्रिया से मतदान संभव नहीं है।”
उसके बाद पत्र में आगे लिखा था, “अतः उपरोक्त पैरा की कंडिका 2 में वर्णित ‘विश्वास मत विभाजन के आधार पर बटन दबाकर ही होगा और अन्य किसी तरीके से नहीं किया जाएगा’ के स्थान पर पढ़ा जावे कि चूंकि मध्य प्रदेश राज्य में 10वीं अनुसूची (शेडूल) लागू है। अतः आदेशित करता हूं कि विश्वास मत पर मतदान की प्रक्रिया हाथ उठाकर संचालित की जाए एवं अन्य किसी और तरीके से ना की जाएं।”
दूसरी तरफ कमलनाथ के मीडिया सलाहकार एवं पत्रकार पंकज शर्मा ने दावा कल ही दावा कर दिया था कि 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट नहीं होगा। उन्होंने ये भी दावा किया है कि बीजेपी के 9 विधायक क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं। गौरतलब है कि 10 मार्च को भाजपा ने अपने 107 विधायकों में 105 विधायकों को भोपाल के पार्टी मुख्यालय से बसों में बैठाकर दिल्ली रवाना कर दिया था। सभी विधायकों को गुड़गांव के होटल में ठहराया गया है। बाकी 2 विधायक यानी शिवराज सिंह अभी दिल्ली में हैं और नारायण त्रिपाठी मां के निधन के चलते मध्य प्रदेश में हैं।