राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद भी लोगों ने दिवाली की रात जमकर आतिशबाजी की है।जिसके वजह से दिल्ली की वायु गुणवत्ता बहुत खराब हो गई है।
दरअसल, पिछले सप्ताह दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि दिवाली पर राष्ट्रीय राजधानी में पटाखे फोड़ने पर छह महीने की जेल हो सकती है और 200 रुपये जुर्माना लगाया जा सकता है,लेकिन इसके बावजूद दक्षिणी और उत्तर पश्चिमी दिल्ली समेत विभिन्न हिस्सों में लोगों ने दिवाली की शाम जमकर पटाखे फोड़े है। इस दौरान तेज आवाज वाले पटाखों की गूंज साफतौर पर सुनी जा सकती थी। जैसे-जैसे दिवाली की रात आगे बढ़ी पटाखों की आवाज भी तेज होती गई, जिसके चलते कुछ लोगों ने कहाँ कि, ‘दिल्ली में पटाखों कोई प्रतिबंध लगा भी है या नहीं।’
इस पर दिल्ली के अधिकारियों ने कहा था कि पर्यावरण संबंधी चिंताओं और इससे जुड़े स्वास्थ्य खतरों पर विचार करने के बाद प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है,लेकिन पराली जलाने, पटाखे फोड़ने और मौसम संबंधी प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच दिल्ली की वायु गुणवत्ता दिवाली की शाम से बहुत खराब हो गई है। यहाँ तक कि इसके वजह से दिल्ली में प्रदूषण को बढ़ने का मौका भी मिल गया है। हालांकि, 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 312 रहा है। जो पिछले साल से कम रहा है।
दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद भी लोगों ने दिवाली की रात जमकर आतिशबाजी की है।दक्षिण दिल्ली में तो प्रतिबंध के बावजूद इसका सबसे ज्यादा देखने को मिला है।पूर्वी और उत्तर पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर, मयूर विहार, शाहदरा, यमुना विहार समेत कई इलाकों में यही स्थिति रही है। इस पर दिल्ली के निवासियों का कहना है कि इस बार पटाखों की आवाज़ पिछले साल से कम थी, लेकिन रात नौ बजे के बाद पटाखों की आवाज़ बढ़ गई। पता नहीं प्रतिबंध के बावजूद पटाखे कहा से आए।
गौरतलब है कि,दिल्ली में पटाखे फोड़ने पर पाबंदी के क्रियान्वयन के लिए 408 दल गठित किए गये थे। इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने सहायक पुलिस आयुक्तों के नेतृत्व में 210 दल गठित किए थे। वहीं राजस्व विभाग ने 165 दल और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 33 दल गठित किए। लेकिन इसके बावजूद दिल्ली में जमकर पटाखे फोड़े गए। दिल्ली में में हर साल दिवाली के समय वायु गुणवत्ता बहुत खराब हो जाती है। जिसको ध्यान में रखते हुए यह सलाह दी जाती है कि बाहर मास्क लगाकर निकलें और सुबह-सुबह बाहर सैर पर न जाया जाए।