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थम नहीं रही नूंह में फैली हिंसा की आग

पिछले दिनों हरियाणा के नूंह में जलाभिषेक यात्रा के दौरान भड़की साम्प्रदाइक हिंसा की आग धीरे-धीरे अपने पैर पसार रही है। जो पहले तो गुरुग्राम तक आई और अब इसके दिल्ली में प्रवेश करने की आशंका भी जताई जा रही है।

इस हिंसा में अब तक छह लोगों की मौत हो गई है। नूंह की हिंसा के विरोध में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने दिल्ली-NCR के 23 इलाकों में रैलियां करने का ऐलान किया है। जिसे रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। हालांकि इनमे से कई इलाकों में रैलियां शुरू हो चुकी हैं। नूंह और उसके आसपास के क्षेत्र में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए नूंह में कर्फ्यू जारी है। आसपास के शहरों में धारा 144 लगाई गई है। हरियाणा के पलवल, सोहाना, मानेसर और पटौदी में इंटरनेट बंद है। इस मामले में अब तक लगभग डेढ़ हजार से अधिक लोगों के खिलाफ तीस एफआईआर दर्ज कराइ जा चुकी हैं। जिसमें से पुलिस ने करीब 116 लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया है।

 

सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस

 

बढ़ती हिंसा को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हिंसा को लेकर हरियाणा, दिल्ली और यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि किसी भी समुदाय के खिलाफ किसी तरह की हेट स्पीच का प्रयोग नहीं किया जाना है । कोर्ट ने यह आदेश दिया है कि सरकार और प्रशासन सुनिश्चित करें की हिंसा न हो। साथ ही संवेदनशील जगहों पर सीसीटीवी लगाए जाए और मॉनिटरिंग की जाए।

 

क्या है मामला

 

बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद द्वारा हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को निकाले गए ब्रजमंडल यात्रा के दौरान ये झडप हुई । यह यात्रा नूंह के नल्हड़ शिव मंदिर से फिरोजपुर-झिरका की तरफ रवाना हुई थी। यात्रा के दौरान दोनों समुदायों के बीच किसी बात को लेकर झड़प हुई और देखते ही देखते दोनों समुदायों के बीच पत्थरबाजी और फायरिंग शुरू हो गई।
इन दोनों समुदायों के बीच भड़की हिंसा का कारण मोहित यानि मोनू मानेसर को बताया जा रहा है। दरअसल मोनू मानेसर कुछ महीनों पहले राजस्थान के भरतपुर निवासी जुनैद और नासिर के शव भिवानी में जली हुई कार में मिले थे। जिसका आरोपी मोनू मानेसर है। लेकिन फिलहाल ये पुलिस की गिरफ्तारी में नहीं है। रिपोर्ट्स के अनुसार इस घटना के एक दिन पहले मोनू मानेसर ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि वो इस यात्रा में शामिल होंगे। जिसके बाद से ही दोनों समुदायों में तनाव का माहौल बन गया। सोशल मीडिया पर इस वीडियो के आते ही दोनों समुदाय के लोग एक दूसरे धमकियां देने लगे। और इसी का परिणाम है की यह हिंसा पैदा हुई। हालांकि गृह मंत्री अनिल विज का कहना है कि जिस तरह पत्थर इकट्ठे करके, गोलियां चला के हिंसा हुई है, ये एकदम से नहीं हुई। गृह विभाग के पास घटना को लेकर इनपुट क्यों नहीं आया, यह भी जांच में आएगा।

यह भी पढ़ें :दो समुदायों के बीच हिंसक झडप

 

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