यूपी में वक्फ बोर्ड की संपतियों को अवैध रुप से खरीदने-बेचने और ट्रांसफर करने के मामले में शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चैयरमैन वसीव रिजवी समेत दो अन्य लोगों पर सीबीआई ने मामला दर्ज किया है। यूपी की योगी सरकार ने पिछले साल ही इनके खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। इस मामले में बोर्ड के पू्र्व चैयरमैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। रिजवी पर बोर्ड के चैयरमैन रहते हुए जमीन घोटाले का आरोप है। सीबीआई ने दोनों मामलों पर संज्ञान लेते हुए उन के खिलाफ जांच शुरु कर दी है।
बताया जा रहा है कि हाल ही में मौलान कल्बे जवाद ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी, शायद उसी का नतीजा सामने आया है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इलाहाबाद के शहर कोतवाली और लखनऊ के हजरतगंज थाने में वसीम रिज्वी के खिलाफ दर्ज मामलों की सीबीआई जांच कराने की संस्तुति 2019 में की थी। राज्य के मंत्री मोहसिन रजा ने बताया कि ”पिछली सरकारों में हजारों करोड़ की वक्फ संपत्ति बेची और बर्बाद की गई है। दोषियों को जेल भेजने से लेकर, पीड़ितों के साथ न्याय कराने का काम योगी सरकार करेगी। ये कार्रवाई भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस और सबका- साथ, सबका- विकास, सबका- विश्वास की नीति के तहत हुई हुई है। सपा- बसपा की पिछली सरकारों ने वरिष्ठ धर्मगुरुओं, समाजसेवी और पीड़ितों की मांग नहीं सुनी थी। वक़्फ़ संपत्तियां जमकर बर्बाद होने दी थी। अब योगी सरकार न्याय कर रही है।”
वक्फ बोर्ड की संपतियों को बेचने के मामले में 8 अगस्त 2016 को प्रयागराज कोतवाली में एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। वहीं लखनऊ के हजरतगंज में कानपुर स्थित वक्फ की संपत्ति को ट्रांसफर करने का मामला 27 मार्च 2017 को दर्ज करवाया गया था। सीबीआई ने लखनऊ और प्रयागराज में दर्ज मामलों को आधार बनाकर रिजवी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।