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भ्रामक खबर चलाने को लेकर न्यूज चैनलों के खिलाफ FIR, मुसलमानों को बदनाम करने का आरोप

भ्रामक खबर चलाने को लेकर न्यूज चैनलों के खिलाफ FIR, मुसलमानों को बदनाम करने का आरोप

कोरोना संकट को देखते पूरे देश को 21 दिनों तक के लिए लॉकडाउन किया गया। ताकि लोगों की जान सुरक्षित रहे। लेकिन लॉकडाउन के बावजूद 4000 से अधिक लोग इसके चपेट में अब तक आ चुके हैं। हालांकि, बढ़ती संख्या का कारण मीडिया की ओर से मुसलमानों को बताया जा रहा है। कुछ लोगों का आरोप है कि मीडिया तब्लीगी जमात के बहाने मुसलमानों को निशाना बना रही है और इसे सांप्रदायिक रंग दे रही है।

उनका कहना है कि मीडिया हर खबर को ऐसे प्रस्तुत कर रही है जैसे कोरोना जैसी महामारी के जिम्मेदार पूरा मुस्लिम समाज है। इसके पीछे उन्हें गहरी साजिश लग रही है। कभी मीडिया ‘कोरोना जिहाद’, लेकर आती है तो कभी इसका मास्टरमाइंड कौन जैसे बातों से लोगों में जहर भरने का काम कर रही है। कभी तब्लीगी जमात के जहां-तहां थूकने की खबर आती है तो कभी बिरयानी की फरमाइश करने की खबर।

पिछले दिनों देशभर से कई खबरें आईं। यहां कुछ उदाहरण देखा जा सकता है। उत्तराखंड से एक खबर आई जिसका शीर्षक था- ‘फिरोजाबाद में चार तब्लीगी जमाती पॉजिटिव, इन्हें लेने पहुंची मेडिकल टीम पर पथराव।’ हालांकि फिरोजाबाद पुलिस ने इस खबर का खंडन किया और जवाब देते हुए ट्वीट किया, “आपके द्वारा असत्य एवं भ्रामक खबर फैलाई जा रही है जबकि जनपद फिरोजाबाद में न तो किसी मेडिकल टीम एवं न ही एंबुलेंस गाड़ी पर किसी तरह का पथराव किया गया है आप अपने द्वारा किए गए ट्वीट को तत्काल डिलीट करें।”

https://twitter.com/truthsrvivsall/status/1247070502352379906?s=19

ये जबाव ‘ज़ी न्यूज़’ और ‘सुदर्शन न्यूज़’ ही नहीं देश के बड़े एंकर दिपक चौरसिया को भी दिया गया। फिरोजाबाद पुलिस के तरफ से फटकार लगाते हुए लिखा गया, “आपके द्वारा असत्य एवं भ्रामक खबर फैलाई जा रही है जबकि जनपद फिरोजाबाद में न तो किसी मेडिकल टीम एवं न ही एम्बूलेंस गाड़ी पर किसी तरह का पथराव नहीं किया गया है। आप अपने द्वारा किए गए ट्विट को तत्काल डिलीट करें।” इसके बाद ज़ी न्यूज उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड की तरफ से अपना ट्वीट हटा हटा लिया गया।

ऐसा ही एख भ्रामक मीडिया की तरफ ले रविवार को चलाया गया। आपसी रंजीश की खबर को तब्लीग से जोड़ा गया और लिखा गया कि तब्लीग से जुड़े व्यक्ति ने की हत्या। सुदर्शन न्यूज मामले पर ट्वीट किया, “आ गए अपने आतंकी रूप में #तबलीगी_जमात के समर्थक.. प्रयागराज में लोटन निषाद को मार डाला। ” इस ट्वीट पर चैनल को फटकार लगाते हुए प्रयागराज पुलिस ने लिखा, “थाना करैली में FIR 127/2020 पंजीकृत कर नामजद व अन्य कुल 8 लोगों को हिरासत में लिया गया है। मृतक और अभियुक्त पक्ष पास-पड़ोस के रहने वाले हैं, इनमें से किसी का भी सम्बन्ध तबलीगी जमात से होने की बात प्रकाश में नहीं आयी है। विवेचना के आधार पर कठोर विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है।”

मीडिया में आए ऐसे कई रिपोर्ट आए हैं जिसका पुलिस ने खंडन किया है। खबर है कि ऐसे मीडिया रिपोर्ट पर महाराष्ट्र के परभणी जिले के एक एडवोकेट सय्यद जुनैद सय्यद जिलानी ने मामला दर्ज कराया है। जिलानी ने ‘ZEE NEWS’, ‘AAJ TAK’, ‘ABP NEWS’ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। एडवोकेट जिलानी ने कहा कि हर जिले से राष्ट्रद्रोही मीडिया पर केस दर्ज कराया जाएगा तभी बेलगाम मीडिया द्वारा फैलाए जा रहे जहर को रोका जा सकता है। तभी देश में साम्प्रदायिक तनाव निर्माण होने से रोका जा सकता है।

उन्होंने कहा कि मीडिया लगातार देश में संप्रदायिक आग लगा रही है और लगातार एक हफ्ते से तब्लीग जमात और मुसलमानों को बदनाम कर रही है। साथ ही हिंदुओं के दिलों में नफरत का जहर घोलने का काम कर रही है। हिंदुओं के मन में मुसलमानों के लिए पनपी नफरत के कारण ‘महमूद’ नाम के व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली। क्योंकि उसके पड़ोसी ने उसे बार-बार मानसिक तनाव दे रहे थे। पड़ोसी उन्हें ताना मार रहे थे कि तब्लीगी लोग कोरोना की महामारी फैला रहे है, तू भी मरेगा हमें भी मरवाएगा। मुल्ले जैसे ताने और बार-बार उनकी उल्टी-सीधी बातों से तंग आकर महमूद ने आत्महत्या कर ली। वहीं दूसरी घटना है ‘दिलशाद’ नाम के व्यक्ति का। बताया जा रहा है कि दिलशाद को कुछ लोगों ने इसलिए मार-मार कर अधमरा कर दिया क्योंकि वे तब्लीग जमात से जुड़े हुए थे।

एक और शिकायत महाराष्ट्र में ही न्यूज चैनलों और एंकरों के खिलाफ किया गया है। ये मामला उत्तर पश्चिमी जिला धुले के रहने वाले शोएब शेख असफाक ने दर्ज कराया है। जिले के पुलिस अधीक्षक चिन्मय पंडित के समक्ष लिखित शिकायत दर्ज कराने वे 3 अप्रैल को गए थे। पर शनिवार और रविवार को छुट्टी और सोमवार को त्योहार होने के चलते मुकदमा नहीं दर्ज हो पाया,। लेकिन असफाक का कहना एसपी चिन्मय पंडित ने आश्वस्त किया है कि मेरी शिकायत पर आज मुकदमा दर्ज कर लिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि ‘जी न्यूज’ के एंकर सुधीर चौधरी, ‘इंडिया टीवी’ प्रमुख और एंकर रजत शर्मा, ‘एबीपी’ के प्रमुख अशोक सरकार और चैनल की एंकर रूबिका लियाकत खान और ‘एबीपी’ की रोमाना इसरार खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानून कार्यवाई करने की हमने प्रशासन से अपील की है।

शोएब शेख असफाक ने कहा, “ये तमाम चैनल जिस तरह से तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद के खिलाफ अपशब्द बोल रहे हैं, वह बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। अगर लॉकडाउन नहीं होता तो हजारों लोग इसके खिलाफ सड़कों पर होते। इन तीनों चैनलों जिनका जिक्र मैंने अपनी शिकायत में किया है, उनकी ​खबरें रातों दिन कोरोना महामारी के संकट में फंसी जनता को सांप्रदायिक बना सिर्फ नफरत सिखा रहे हैं।”

उन्होंने कहा, ​”तब्लीगी जमात सिर्फ भारत में नहीं है, दुनिया के 195 देशों में इसकी शाखाएं हैं। इसके प्रमुख मौलाना साद सिर्फ भारतीय मुस्लिम समाज में नहीं, बल्कि विश्वभर में सम्मानित हैं। उनको ऐसे पेश करना जैसे भारत के खिलाफ कोई साजिश की हो, इसे हम लोग किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे। जैसे देश में हजारों लोग फंसे हुए हैं, वैसे भी निजामुद्दीन तब्लीगी जमात के लोग भी फंसे हुए थे। पूरी जमात के लोग सरकार, आईबी से लेकर हर तरह के प्रशासनिक अमले से लगातार संपर्क में रहे, इसलिए चैनल अपना सांप्रदायिक एजेंडा तत्काल बंद करें। दुख, तकलीफ और महामारी के समय में अपनी टीआरपी के लिए देश को बांटने की साजिश को कोई भी इंसाफपसंद आदमी बर्दाश्त नहीं करेगा।”

उन्होंने बताया कि इन चैनलों के खिलाफ शिकायती पत्र को अशफाक ने धुले पुलिस अधीक्षक के अलावा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, मुख्य सचिव महाराष्ट्र, राज्यपाल महाराष्ट्र, मुख्यमंत्री महाराष्ट्र, महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी धुले, अपर पुलिस अधीक्षक धुले, पुलिस निरीक्षक चासंगी रोड़ पुलिस स्टेशन को भी प्रेषित किया है।

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