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वित्त मंत्री :  ओएनडीसी बनेगा लेन-देन का नया जरिया 

पिछले तीन वर्षों से कोरोना महामारी और बीते छह महीनों से भी ज्यादा समय से जारी रूस – यूक्रेन युद्ध के चलते भारत सहित विश्वभर की अर्थव्यवस्था चरम पर पहुंच चुकी है। इस दौरान दुनियाभर में बढ़ती महंगाई, बेरोज़गारी सबसे बड़ी समस्या बन गई है। ऐसे में इन समस्याओं से निपटने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक नए प्लेटफार्म ओएनडीसी की घोषणा की है। इसमें अमेरिका सहित अन्य देशों के साथ वस्तुओं का क्रय-विक्रय किया जयेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘इंडियन आइडियाज समिट’ (अमेरिका-भारत व्यापार परिषदमें कहा कि भारत में सरकार के द्वारा लागू की गई डिजिटलाइजेशन योजना के काफी सकरात्मक प्रभाव देखे गए हैं। इस डिजिटल क्रांति ने भारत संग विश्व भर के व्यापार के रास्तों को खोला है, जिसके द्वारा अमेरिका को भारत में निवेश के लिए काफी अवसर मिले हैं, और भारत विश्व भर से अपने संबंधों को बढ़ा पाया है। इन अवसरों को बढ़ाते हुए भारत सरकार ने विश्व के सभी देशों के लिए एक ओपन नेटवर्क बनाया है जिसके द्वारा खुदरा और विनिर्माण क्षेत्र में न सिर्फ भारत को बल्कि विदेशी कंपनियों को भी व्यापार के अधिक अवसर मिल पाएंगे। जानकारों का कहना है कि ओएनडीसी विश्व भर में में लेन-देन का नया जरिया बन सकता है। जिसका सभी को इंतज़ार है।

ओएनडीसी प्लेटफॉर्म

 
विदेशों में व्यापार को और भी अधिक मज़बूत बनाने और नए अवसर प्रदान करने के लिए ओएनडीसी (ओपन नेटवर्क फाॅर डिजिटल काॅमर्स) नामक टेक्नोलॉजी नेटवर्क को पहली बार भारत द्वारा बनाया गया है। इस नेटवर्क को अप्रेल 2023, तक पांच शहरों में लॉन्च कर दिया जायेगा। खरीदारों और विक्रेताओं को जोड़ने वाला यह डिजिटल नेटवर्क अप्रेल महीने से जनता के लिए खुलने वाला है। खुदरा और थोक दोनों ही ग्राहकों के पास इस नेटवर्क पर पंजीकृत किसी भी विक्रेता से खरीदने का विकल्प होगा। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि नेटवर्क को एक अवधारणा के रूप में विकसित होने में थोड़ा अधिक समय लग सकता है, क्योंकि यह दुनिया का सबसे पहला कार्यक्रम है। इस नेटवर्क की खासियत यह है कि सभी खरीदारों को सभी विक्रेता एक ही प्लेटफार्म पर मिल जाएंगे। यानी अगर कोई खरीदार पेटीएम से ओएनडीसी पर पहुंचता है, तो वह जिस उत्पाद की तलाश कर रहा है, उसे न केवल पेटीएम के विक्रेताओं के बल्कि स्नैपडील, अमेजॉन, आदि ऑनलाइन वेबसाइट्स जो ओएनडीसी पर पंजीकृत होंगे, उनके सभी विक्रेताओं के उत्पाद देख सकेंगे और उन्हें खरीद व बेच भी सकेंगे। इस प्लेटफॉर्म के ज़रिये एक ही वेबसाइट पर सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म की जानकारी मिल जायगी और इसका लेन-देन भी किया जा सकेगा। अब तक लोगों को अलग-अलग सामान लेने या बेचने के लिए अलग-अलग वेबसाइट्स पर जाना पड़ता है। लकिन अब इससे सभी क्रय-विक्रय की समस्याओं का समाधान एक ही वेबसाइट पर निकल सकेगा। 

सभी वेबसाइट्स को वस्तुओं के मूल्य में करनी होगी समानता 


ईवाई इंडिया के नेशनल लीडर ‘ए भट्टाचार्य’ ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि ओएनडीसी के अंतर्गत छोटे और बड़े ब्रांड एक सामान होंगे। इस नेटवर्क का आविष्कार निश्चित रूप से विक्रेताओं और ब्रांडों के लिए लोकतंत्रीकरण और पहुंच का विस्तार करने के लिए किया गया है। अब तक ओएनडीसी में 17 वित्तीय संस्थानों की संयुक्त रूप से हिस्सेदारी है। छोटे विक्रेता जैसे- किराना, स्टेशनरी, जनरल, खिलौना विक्रेता और परिधान की दुकानों सहित सभी इस नेटवर्क पर हिस्सा ले सकेंगे जिससे ई-कॉमर्स का दायरा उनके लिए अधिक आसान हो जाएगा। इसके अलावा उपभोक्ताओं या विक्रेताओं के लिए कोई भी वेबसाइट बंद नहीं होगी, यह एक ओपन मार्केट की तरह काम करेगा। यह इस धारणा को खत्म कर देता है कि कुछ चुनिंदा उत्पाद एक ही वेबसाइट पर उपलब्ध होंगे। उत्पाद विनिर्माताओं तथा विक्रेताओं को और अधिक प्रतिस्पर्धी दामों तथा सेवाओं की पेशकश करनी होगी, जिससे उपभोक्ताओं को बेहतर सौदे की उपलब्धियां हासिल होंगी। इससे ग्राहक खुदरा और थोक दोनों लेवल के अनुभव का निर्माण कर सकेंगे। अभी इस पैटर्न पर काम करने और सही डेटा तैयार करने में समय लगेगा। किसी भी मंच को आदान-प्रदान करने के लिए उपभोक्ता की अपेक्षाओं और दायित्वों पर खरा उतरने के लिए कुछ साल का समय लग सकता है, क्योंकि इस नेटवर्क में समय के अनुसार बदलाव होते रहेंगे। 

 
ओएनडीसी में ध्यान रखी जाने वाली सावधानियां 

डेलॉयट के साझेदार रजत वाही का मानना है कि गुणवत्ता और वास्तविक उत्पादों को सुनिश्चित करने, प्रचार और छूट की पेशकश करने आदि के लिए विक्रेता को शामिल किए जाने के लिए वेरिफिकेशन और सरकारी निगरानी की आवश्यकता होगी, ताकि इस नेटवर्क पर विक्रेता अपनी मनमानी न कर सकें। इसके अलावा इस नेटवर्क पर दायरा और वर्गीकरण, मूल्य निर्धारण और उत्पाद की जानकारी तथा डेटा की गोपनीयता का ध्यान रखने की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि ओएनडीसी उपभोक्ताओं के लिए खरीदारी के लिए किसी अन्य साइट या प्लेटफॉर्म की तरह ही काम करेगा। वह यह भी सुनिश्चित करेगा कि सभी विक्रेताओं की उपभोक्ताओं तक आसानी से पहुंच हो, और इसे बढ़ाने के लिए समय-समय पर अपडेट किया जाये। यह निश्चित रूप से उपभोक्ताओं के लिए फायदे की स्थिति है, क्योंकि यह समय के साथ-साथ काफी बड़ा नेटवर्क बन सकता है। आने वाले समय में अधिक से अधिक विक्रेता और खरीदार इस प्लेटफार्म का उपयोग करेंगे। यह प्लेटफ़ॉर्म खरीदारों और विक्रेताओं को एक-दूसरे से ऑनलाइन जोड़ने और लेन-देन करने की अनुमति देगा, चाहे वे किसी भी अन्य एप्लिकेशन का उपयोग कर रहे हों।


इस प्लेटफार्म की पूर्ति को समझने के लिए एंड-टू-एंड निष्पादन करने के लिए एक उपभोक्ताओं का समूह बनाकर परीक्षण किया गया है। इस समूह में आने वाले हफ्तों में नेटवर्क प्रतिभागियों की संख्या में 30 से अधिक की वृद्धि होने की उम्मीद है। इस पर निर्माण करते हुए, ओएनडीसी सीमित 
क्षेत्रों में सार्वजनिक उपयोगकर्ताओं के साथ नेटवर्क का बीटा-परीक्षण (ऐप्लिकेशन को बाजार में आने से पहले इस्तेमाल करना) शुरू करने की योजना बना रहा है। वित्त मंत्री ने कुछ समय पहले निवेशकों की समस्याओं को समझते हुए उन्हें आश्वासन दिया था कि सरकार देश में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए किसी भी संभावित समस्या का समाधान करेगी। इस नेटवर्क के द्वारा इन समस्याओं का निवारण करने की कोशिश की गई है।

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