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अब ‘इन्फोसिस’ के खिलाफ ‘पांचजन्य’ विवाद में पर बोली वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman

nirmala sitharaman

भारत की अग्रणी आईटी कंपनी इंफोसिस के खिलाफ ‘पांचजन्य’ विवाद में अब देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) भी कूद पड़ी हैं। गौरतलब है कि Nirmala Sitharaman ने आरएसएस समर्थक मुखपत्र पांचजन्य का पक्ष न लेते हुए सीधे तौर पर यह राय व्यक्त की है कि इतनी बड़ी कंपनी को इंफोसिस का पक्ष लेकर देशद्रोही कहना गलत होगा। निर्मला ने इंफोसिस को लेकर पांचजन्य में प्रकाशित एक विवादास्पद लेख पर यह विचार व्यक्तकिए । पांचजन्य ने यह गंभीर आरोप वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और आयकर पोर्टल में तकनीकी दिक्कतों की आलोचना करते हुए लगाए थे।

CNN-News18 से बात करते हुए निर्मला ने कहा, “वह बयान सही नहीं था।  इस तरह के बयान देने की कोई जरूरत नहीं थी। सौभाग्य से उन्होंने (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) ने स्पष्ट कर दिया कि उनका इस बयान से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि वह बयान बहुत गलत था। आगे बोलते हुए, निर्मला खुद वास्तव में इस नए पोर्टल पर इंफोसिस के साथ काम कर रही थीं। उन्होंने कहा कि सरकार और इंफोसिस मिलकर काम कर रहे हैं। निर्मला ने कहा, “मैंने व्यक्तिगत रूप से उन्हें दो बार फोन किया और नंदन नीलेकणि (इन्फोसिस के प्रमोटरों में से एक) ने इस मुद्दे पर उनका ध्यान आकर्षित किया।”

निर्मला ने कहा, “मुझे विश्वास है कि इन्फोसिस उत्पाद को वैसा ही बनाएगी जैसा उन्होंने वादा किया था। इसमें थोड़ी देरी हुई है, जिससे हमें भारी नुकसान हुआ है। हम इस नए पोर्टल की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसमें थोड़ा भ्रम है और हम इस भ्रम को दूर करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि इंफोसिस जल्द ही इस दुविधा को दूर कर देगी। ”

लेख में क्या है?

आरएसएस समर्थक साप्ताहिक पांचजन्य में संदेह व्यक्त किया गया था कि इंफोसिस के माध्यम से एक राष्ट्रविरोधी ताकत देश के आर्थिक हितों के खिलाफ काम नहीं कर रही है। पांचजन्य में लेख में कहा गया है, “इन्फोसिस पर अक्सर नक्सलियों, वामपंथियों की मदद करने का आरोप लगाया जाता रहा है, लेकिन हमारे पास कोई सबूत नहीं है।” यह आलोचना वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और आयकर पोर्टलों के साथ तकनीकी मुद्दों के मद्देनजर आई है। इन दोनों पोर्टलों को एक प्रमुख भारतीय प्रौद्योगिकी कंपनी इंफोसिस द्वारा विकसित किया गया है। यह देश की अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास हो सकता है, यह आरोप पांचजन्य के ताजा अंक में लगाया गया है। कवर लेख ‘साख और आघात’ में इसकी आलोचना की गई है और कवर पर इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की एक तस्वीर भी प्रकाशित की गई है।

 टुकड़े-टुकड़े गैंग को मदद

इंफोसिस द्वारा बनाए गए इन दो पोर्टलों में हमेशा तकनीकी दिक्कतें आती हैं। यह करदाताओं और निवेशकों के नुकसान के लिए है। लेख में कहा गया है कि ऐसे कारक देश की अर्थव्यवस्था में करदाताओं के विश्वास को कमजोर करते हैं। सरकारी एजेंसियां इंफोसिस को महत्वपूर्ण वेबसाइटों और पोर्टलों के लिए ठेके देने से नहीं हिचकिचाती हैं, क्योंकि यह एक प्रतिष्ठित सॉफ्टवेयर कंपनी है। इंफोसिस द्वारा जीएसटी और आयकर रिटर्न के लिए पोर्टल विकसित किए गए हैं। यह भारतीय अर्थव्यवस्था में करदाताओं के विश्वास को कम करने में मदद कर रहा है। लेख इस बात पर संदेह करता है कि क्या कोई राष्ट्र विरोधी ताकतें भारतीय आर्थिक हितों के खिलाफ इंफोसिस के माध्यम से काम कर रही हैं। आरोप हैं कि इन्फोसिस ने अक्सर नक्सलियों, वामपंथी, खंडित गिरोह की मदद की है, लेकिन हमारे पास सबूत नहीं है। लेख में यह भी सवाल किया गया था कि क्या इंफोसिस विदेशी ग्राहकों को भी इसी तरह की खराब सेवा प्रदान करती है।

आरोप का हुआ खंडन

पांचजन्य के संपादक हितेश शंकर ने कहा कि इंफोसिस एक बड़ा संगठन है। सरकार ने कंपनी को विश्वसनीयता के आधार पर महत्वपूर्ण कार्य सौंपे हैं। इस बीच कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया था कि लेख राष्ट्रविरोधी था। इंफोसिस की अपमानजनक और राष्ट्र-विरोधी लेखन के लिए व्यापक रूप से आलोचना की गई है। रमेश ने यह भी कहा था कि इंफोसिस जैसी कंपनियों ने ही भारत को दुनिया में जगह दी है।

हालांकि, लेख पर तीखी बहस के बाद संघ के अखिल भारतीय अभियान प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि लेख को संघ से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। आंबेकर ने ये भी स्पष्ट किया कि एक भारतीय कंपनी के रूप में Infosys ने देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इंफोसिस द्वारा बनाए गए वेब पोर्टल से संबंधित कुछ मुद्दे हो सकते हैं, लेकिन इस संबंध में पांचजन्य में प्रकाशित लेख लेखक की व्यक्तिगत राय है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘पांचजन्य’ टीम का मुखपत्र नहीं है। टीम के एक अधिकारी ने कहा कि आयकर या जीएसटी पोर्टल के साथ कुछ मुद्दे हो सकते हैं, लेकिन टीम इस पर चर्चा करने के लिए एक मंच नहीं है।

कांग्रेस से कार्रवाई की मांग

कांग्रेस ने आरएसएस के मुखपत्र पांचजन्य के खिलाफ देश के विकास और प्रगति में एक प्रमुख योगदानकर्ता इन्फोसिस के खिलाफ निराधार आरोप लगाने के लिए कार्रवाई की मांग की थी। कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा था कि इंफोसिस के नारायण मूर्ति और सुधा मूर्ति ने देश के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया है।

 

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