फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ को पश्चिम बंगाल में बैन कर दिया गया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार 8 मई को फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने का आदेश दिया था, जबकि उससे दो दिन पहले तमिलनाडु में भी फिल्म की स्क्रीनिंग रोक दी गई थी। उसके बाद निर्माताओं ने फिल्म पर लगे प्रतिबंध को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
‘द केरला स्टोरी’ के निर्माताओं ने पश्चिम बंगाल में फिल्म पर से प्रतिबंध हटाने की मांग को लेकर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। अपनी याचिका के माध्यम से निर्माताओं ने तमिलनाडु सरकार से राज्य भर में फिल्म प्रदर्शित करने वाले सिनेमाघरों को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है। तमिलनाडु में मल्टीप्लेक्स संघों ने सिनेमाघरों में फिल्म की स्क्रीनिंग नहीं करने का फैसला किया था। लेकिन कुछ जगहों पर जहां फिल्म दिखाई जा रही है वहां मेकर्स मांग कर रहे हैं कि सरकार उन्हें सुरक्षा मुहैया कराए।
‘द केरला स्टोरी’ 5 मई को रिलीज हुई थी। फिल्म के बारे में बात करते हुए ममता बनर्जी ने कहा था, ‘पहले वे कश्मीर की फाइलें लेकर आए थे, अब यह केरल की कहानी है और फिर वे बंगाल की फाइलों की योजना बना रहे हैं। बीजेपी सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश क्यों कर रही है? केरल स्टोरी फिल्म झूठे तथ्यों के साथ केरल को बदनाम करने का एक प्रयास है।
इस बीच फिल्म के निर्माता विपुल शाह ने जानकारी दी थी कि वह पश्चिम बंगाल में तृणमूल सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे। इसके बाद उन्होंने बैन हटाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अब देखना होगा कि कोर्ट इस पर क्या फैसला लेती है।