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साथ न देने वाले सांसदों का विरोध करेंगे आंदोलनकारी किसान 

कोरोना  महामारी के चलते लाखों लोगों की नौकरियां चली गई। बड़ी संख्या में लोग अनाज के एक- एक दाने को मोहताज हैं। ऊपर से महंगाई  चरम पर पहुंच चुकी है।इस हालत के बीच  पिछले साल मानसून सत्र में तीन नए कृषि कानूनों को लेकर दोनों सदनों में विधेयक पास हुए । इन  तीनों  नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का करीब आठ महीनों से विरोध प्रदर्शन जारी है।

 

ऐसे में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर तीनों कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों का आंदोलन अब संसद में चल रहे मानसून सत्र के बीच केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान जंतर-मंतर पर प्रदर्शन शुरू कर दिया है । प्रदर्शन के चलते पुलिस ने मध्य दिल्ली के चारों ओर सुरक्षा बढ़ा दी है और वाहनों की आवजाही पर कड़ी नजर रखी जा रही है। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अधिकतम 200 किसानों को नौ अगस्त तक जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति दे दी है। संसद भवन इससे कुछ ही मीटर की दूरी पर है।

 

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जंतर-मंतर पर किसानों की नारेबाजी और सरकार से तीनों कानून रद्द करने की मांग जारी है। प्रदर्शन कर रहे किसान जंतर-मंतर के एक छोटे से हिस्से में मौजूद हैं और पुलिस ने दोनों ओर अवरोधक लगा रखे हैं।

 


किसान यूनियन के नेता हन्नान मुल्ला

 

संसद में हमारे मुद्दे नहीं उठाए जा रहे हैं’

 

जंतर मंतर पर किसान यूनियन के नेता हन्नान मुल्ला ने कहा कि हमने अपनी मांगों को उठाने के लिए सभी सांसदों को पत्र लिखा है, लेकिन संसद में हमारे मुद्दे नहीं उठाए जा रहे हैं। जंतर मंतर पर किसान अपनी पहचान उजागर करने वाले बैज पहने और हाथ में अपनी यूनियनों के झंडे लिए हुए नजर आ रहे हैं। प्रदर्शन दिन में 11 बजे शुरू होना था, लेकिन किसान यहां 12 बजकर 25 मिनट पर पहुंचे। किसान नेता शिव कुमार कक्का ने बताया कि रास्ते में पुलिस ने उन्हें तीन जगह रोका और उनके आधार कार्ड देखे।

 


किसान खेती करना भी जानता है और संसद चलाना भी जानता- राकेश टिकैत

किसान खेती करना भी जानता है और संसद चलाना भी: टिकैत

 

किसान नेता राकेश टिकैत ने जंतर मंतर पर कहा कि आज आठ महीने बाद सरकार ने हमें किसान माना है। किसान खेती करना भी जानता है और संसद चलाना भी जानता है। संसद में किसानों की आवाज दबाई जा रही है। जो सांसद किसानों की आवाज नहीं उठाएगा हम उसका विरोध करेंगे।

 

किसान नेताओं पर दायर मुकदमे वापस लेने की मांग

 

किसान संसद की शुरूआत में पहले तो आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि दी गई, उसके बाद किसान नेताओं पर जो मुकदमे दायर किये गए हैं उन्हें वापस लेने की मांग उठी। फिलहाल इसी पर सभी किसान चर्चा कर रहे हैं।

 

संसद भवन के आसपास सुरक्षाबल तैनात

 

किसान जंतर-मंतर पर बड़ी संख्या में पहुंच चुके हैं। इनकी किसान संसद की घोषणा के मद्देनजर संसद भवन के आसपास सुरक्षाबल मुस्तैद हैं।

 


किसान नेता राकेश टिकैत

आवाज नहीं उठाने पर की जाएगी सांसदों की निंदा: टिकैत

 

जंतर-मंतर पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान अब अपनी संसद बैठाएंगे। सदन में अगर सांसद किसानों के हित में अपनी आवाज नहीं उठाएंगे तो उनके क्षेत्र में ही उनकी निंदा की जाएगी, फिर चाहे वो किसी भी पार्टी से हों।

 

किसानों ने शुरू की नारेबाजी

 

प्रदर्शन करने पहुंचे किसानों ने जमकर नारेबाजी शुरू की । वहीं, पुलिसकर्मियों ने जंतर-मंतर को दोनों तरफ से सील कर दिया है। प्रदर्शन स्थल के आसपास मीडियाकर्मियों को भी प्रवेश की अनुमति नहीं मिल रही है। कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए किसानों का जत्था जंतर-मंतर पहुंच गया है। किसान नेता राकेश टिकैत भी उनके साथ मौजूद हैं।

 


किसानों के साथ अब शिरोमणी अकाली दल भी कृषि कानूनों के विरोध में सामने आ गया है।

 

शिरोमणी अकाली दल ने भी शुरू किया प्रदर्शन

 

किसानों के साथ अब शिरोमणी अकाली दल भी कृषि कानूनों के विरोध में सामने आ गया है। आज सुबह संसद भवन के बाहर शिरोमणी अकाली दल के नेताओं ने कृषि मंत्री को कानूनों के विरोध में बनाए गए पोस्टर दिखाकर विरोध प्रदर्शन किया।

 


केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर

 

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर – हम किसानों के साथ बातचीत करने के लिए तैयार

 

किसानों के प्रदर्शन के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि देश गवाह है कि ये कृषि कानून बेहद जरूरी और किसानों के हित में हैं। हमने इन कानूनों पर विस्तृत चर्चाएं की हैं। अगर किसान इन कानूनों को लेकर अपनी समस्या बिंदुवार रखते हैं तो हम बातचीत के लिए तैयार हैं।

 

गाजीपुर बॉर्डर पर फिलहाल केवल गिनती के किसान

 

एक तरफ किसान जंतर -मंतर पर प्रदर्शन के लिए कूच कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर गाजीपुर बॉर्डर पर फिलहाल केवल गिनती के किसान मौजूद हैं। वहां बिल्कुल शांति है। बॉर्डर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं। रोजाना के मुकाबले तीन गुना फोर्स तैनात की गई है। जगह-जगह बैरिकेडिंग लगाकर हर आने-जाने वाले पर नजर रखी जा रही है।

 


कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध शुरू किया

 

किसानों के समर्थन में आए राहुल गांधी

 

किसानों के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध शुरू कर दिया । राहुल कुछ कांग्रेस सांसदों के साथ संसद परिसर में स्थित गांधी प्रतिमा के सामने कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया । दिल्ली पुलिस की ओर से अनुमति के तौर पर 200 प्रदर्शनकारी 9 अगस्त तक रोजाना जंतर-मंतर पर सुबह 11 से शाम 5 बजे तक प्रदर्शन कर सकेंगे।कृषि सुधार कानूनों के विरोध में जंतर- मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति प्रदर्शनकारियों को मिलने के बाद दिल्ली पुलिस चौकन्नी हो गई है। पुलिस मुख्यालय से आदेश जारी कर कहा गया  कि जो पुलिस कर्मी ऑफ ड्यूटी पर हैं उन्हें भी जंतर -मंतर पर वर्दी में तैनात होना होगा । इसके अलावा जो पुलिस कर्मी दिल्ली में अपने घर में हैं और एक घंटे में जंतर -मंतर पहुंच सकते हैं। उन्हें किसी भी समय जंतर मंतर बुलाया जा सकता है। आदेश में कहा गया है कि सभी पुलिस कर्मी सभी यूनिट के दंगा रोधी गतिविधियों को रोकने को तैयार रहेंगे । इसके लिए आंसू गैस के गोले, लाठी आदि वो अपने साथ लेकर ड्यूटी पर तैनात होंगे ।

बताया गया है कि दिल्ली पुलिस की निगरानी में बस के जरिये प्रदर्शनकारी जंतर मंतर पर प्रदर्शन के लिए पहुंचेंगे।दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर से रोजाना बसों के जरिये दिल्ली आएंगे। इसके अलावाक, एक एसयूवी में 6 किसान नेता अलग से पहुंच सकेंगे। तय अवधि के बाद सभी प्रदर्शनकारियों को दिल्ली की सीमा पर भेज दिया जाएगा। वहीं, जरूरत पड़ने पर आसपास के 7 मेट्रो स्टेशनों को भी बंद किया जा सकता है।

 

इस तरह किए गए हैं सुरक्षा के इंतजाम

 

बृहस्पतिवार से संसद घेराव के मद्देनजर दिल्ली पुलिस की ओर से सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। नई दिल्ली जिले में तकरीबन प्रत्येक मार्ग पर मजबूत बैरिकेडिंग कर भारी संख्या में दिल्ली पुलिस व पैरामिलिट्री की तैनाती  है। पुलिस आयुक्त बालाजी श्रीवास्तव ने बुधवार देर शाम पुलिस मुख्यालय ने आदेश जारी कर कहा कि जो पुलिसकर्मी छुट्टी पर हैं, उन्हें भी गुरुवार सुबह आठ बजे वर्दी में जंतर-मंतर पर पहुंचना होगा। वहीं, जो पुलिसकर्मी दिल्ली में घर पर हैं और एक घंटे में जंतर-मंतर तक पहुंच सकते हैं, उन्हें कभी भी वहां बुलाया जा सकता है।

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