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किसान नहीं झुकेंगे – नहीं रुकेंगे, पर्चा पर नहीं होगी चर्चा  

आंदोलन के 27 वे दिन किसानों ने आज गाजीपुर बॉर्डर पूरी तरह जाम कर दिया है। इस वजह से पुलिस को आज दिल्ली से गाजियाबाद के रास्ते पर भी ट्रैफिक बंद करना पड़ा। जबकि गाजियाबाद से दिल्ली की तरफ ट्रैफिक पहले से ही बंद है। सरकार की तरफ से रविवार रात किसानों को बातचीत के न्योते की चिट्ठी भेजी गई थी। इसको किसानो ने पुराना पर्चा बताया है। साथ ही कहा इस पर्चे पर चर्चा संभव नहीं है। सरकार ने 5 पेज का गोलमोल प्रपोजल भेजा है। इसमें घुमा फिराकर पुरानी बातों पर ही जोर दिया गया है। सरकार ने वही पॉइंट भेजे जो 9 दिसंबर के प्रस्ताव में थे। सरकार पुराने प्रपोजल पर बातचीत चाहती है। केंद्र सरकार कानून रद्द करने और एमएसपी पर नया कानून लाने की मांग पर चर्चा तक नहीं करना चाहती है। जबकि दूसरी तरफ किसान पीछे हटने को तैयार नहीं है। आंदोलनकारी किसानो का कहना है कि जब तक सरकार तीनों कृषि कानून वापस नहीं लेती, किसान पीछे नहीं हटेंगे। ना झुकेंगे। ना रुकेंगे
गौरतलब है कि किसान आंदोलन को लेखकों, बुद्धिजीवियों व कलाकारों द्वारा खुलकर समर्थन मिल रहा है।  पंजाबी के कई प्रसिद्ध गायकों ने इन दिनों में किसान आंदोलन के हक में गीत गाए हैं।  गांवों की महफिलों में लोक मुद्दों पर गीत गाने वाले कलाकार किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आंदोलनों में शामिल हो रहे हैं। वे इन आंदोलनों में जोशीले गीतों के माध्यम से लोगों को संघर्ष में कूदने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।  केंद्र सरकार दावा कर रही है कि राजनीतिक हितों को साधने के लिए किसानों का इस्तेमाल किया जा रहा है,  लेकिन पंजाब के किसान किसी भी राजनीतिक हस्तक्षेप से पूरी तरह दूर हैं।

किसान आंदोलन को तीखा होते देख अब राजनीतिक पार्टियां भी अपनी सियासत चमकाने के लिए आगे आने लगी हैं।  जो अकाली दल पहले इन विधेयकों के हक में दलीलें देता था अब किसान आंदोलन के सामने झुककर सबसे पहले केंद्र सरकार से बाहर निकला है और इन विधेयकों के खिलाफ रैली निकालने लगा है।  दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने राष्ट्रपति से विनती की है कि वे इन बिलों पर मोहर न लगाए।  कांग्रेस पार्टी शुरु से ही इन बिलों का विरोध कर रही है।  पंजाब सरकार ने इन बिलों के खिलाफ विधान सभा में प्रस्ताव भी पास किया है।  अब राज्य भर में कांग्रेस पार्टी रैलियां निकाल रही है।  लम्बी चुप्पी के बाद कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू भी इन बिलों के विरुद्ध मैदान में कूदे हैं।  आम आदमी पार्टी के भगवंत मान का कहना है कि मोदी सरकार ने इन बिलों को गैर-लोकतांत्रिक तरीके से पास किया है।  इसी तरह लोक इंसाफ पार्टी समेत पंजाब की अन्य पार्टियां भी किसानों के हक में आवाज उठा रही हैं. इस हालात में भाजपा अलग-थलग पड़ गई है।

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