प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ की 93वीं वर्षगांठ पर संबोधन किया। डिजिटल माध्यम से यह संबोधन हुआ। इस बार का थीम प्रेरित भारत था। देश विदेश से कई नामचीन कंपनियों के अधिकारियों, राजनयिक, अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले कई दिनों से अपने मंचों से किसानों को संदेश दे रहे है। वह नए कृषि कानूनों को लेकर बार-बार जोर देकर कह रहे है इन कानूनों से किसानों कि आय दोगुनी होगी। संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि 20-20 वर्ष पर हमने बहुत सारी चीजें तेजी से बदलती देखी। लेकिन 2020 ने सभी को चकित कर दिया। राष्ट्र और पूरी दुनिया में काफी उतार-चढ़ाव देखे गए। जब हम कोरोना अवधि के बारे में कुछ साल बाद में सोचेंगे, शायद हम यह विश्वास नहीं कर सकेंगे। यह अच्छा है कि चीजों में तेजी से सुधार हो रहा है।
नए कृषि कानूनों और किसानों पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि “हमने कृषि क्षेत्र और इससे जुड़े अन्य क्षेत्रों को देखा था-चाहे वह कृषि अवसंरचना हो, खाद्य प्रसंस्करण हो, भंडारण हो या कोल्ड चेन हो। अब सभी दीवारों और बाधाओं को दूर किया जा रहा है। सुधारों के बाद किसानों को नए बाजार, विकल्प और प्रौद्योगिकी के अधिक लाभ मिलेंगे। कोल्ड स्टोरेज के बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण किया जाएगा।इसके परिणामस्वरूप कृषि क्षेत्र में अधिक निवेश होगा। किसानों को इसका सबसे अधिक लाभ होगा।”
उन्होंने आगे कहा कि “आज भारत के किसानों के पास अपनी फसल मंडियों के साथ ही बाहर भी बेचने का विकल्प है। आज भारत मे मंडियों का आधुनिकीकरण तो हो ही रहा है, किसानों को डिजिटल प्लेटफार्म पर फसल बेचने और खरीदने का भी विकल्प दिया है। इन सारे प्रयासों का लक्ष्य यही है कि किसानों की आय बढ़े, देश का किसान समृद्ध हो। जब देश का किसान समृद्ध होगा तो देश भी समृद्ध होगा।