राजस्थान के दौसा जिले के नांगल राजवतान तहसील के किसान सरकार से जमीन मुआवजे के लिए अपने ही खेतों में समाधि ले लिया है। मामला गांव लाड़ली का है जहां किसान अपनी कब्र बनाकर सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गए हैं।
खबरों के मुताबिक, सरकार ने उनकी जमीन का अधिग्रहण कर मुंबई एक्सप्रेस वे में ले लिया था। किसानों का आरोप है कि जमीन लेने के बाद सरकार ने अभी तक उसका मुआवजा नहीं दिया है। इसी चलते वो नाराज होकर सरकार के खिलाफ धरने पर हैं।
इस प्रोटेस्ट में 100 से अधिक किसान हिस्सा ले रहे हैं। सभी ने तीन-तीन फीट गहरे और चौड़ी गड्डा खोदा है और उसमें बैठ गए हैं। इस सत्याग्रह में बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी शामिल हैं।
गुरुवार को समाधि के दौरान एक किसान की तबीयत बिगड़ गई थी। किसान जगदीश प्रसाद की अचानक तबीयत बिगड़ने पर मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ-पैर फुल गए।
इसके बाद अधिकारियों ने जगदीश प्रसाद को गड्ढे में निकाल कर उपचार के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया। किसानों का कहना है कि 2012 में सरकार ने 4 लाख 20 हजार प्रति बीघा मुआवजा देने की बात कही थी। हालांकि उसकी डीएलसी रेट 1.10 हजार के लगभग है। सरकार उसका दो गुना दे रही है। आंदोलनरत किसानों की मांग है कि हमें डीएलसी रेट का चार गुना मुआवजा मिलना चाहिए।
किसान संघर्ष समिति के संयोजक हिम्मत सिंह गुर्जर ने कहा, “सरकार हमारी सुन नहीं रही है। हमें मजबूर होकर यह कदम उठाना पड़ा है।” इससे पहले गुरुवार को किसानों ने खेत में बैठक आयोजित की थी। बैठक में हजारों महिलाओं और पुरुषों को संबोधित करते हुए डा. किरोड़ी ने कहा कि जब तक किसानों की जमीन का मुआवजा नहीं मिलेगा तब तक सत्याग्रह जारी रहेगा।
इससे साथ ही बैठक में डॉ. किरोड़ी ने मांग किया कि सरकार रात को बिजली सप्लाई बंदकर दे और दिन में दे। उन्होंने कहा कि सरकार वीसीआर के नाम पर किसानों के साथ की जा रही लूट को बंद करे।
वहीं बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि किसानों के हक की लड़ाई के लिए कंधे-से-कंधा मिलाकर साथ दूंगा। किसान राजेश कुमार पत्नी मीणा रुक्मणी देवी, छोटूलाल मीणा पत्नी मूली देवी, प्रकाश चन्द्र मीणा पत्नी रुकमणी देवी के साथ जमीन में समाधि ली है।