पंजाब से शुरू हुआ किसानों का देशभर में आंदोलन आज 26वें दिन में पहुंच गया है। केन्द्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान अपनी मांग पर अड़े हुए हैं और आज भूख हड़ताल का भी ऐलान किया गया है। दूसरी तरफ सरकार ने किसानों को फिर से बातचीत का न्योता भेजा है। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने किसानों को एक पत्र लिखकर उन्हें एक बार फिर से मिलने के लिए आमंत्रित किया।
पत्र में सरकार ने किसान नेताओं से मिलने की तारीख के लिए सुझाव भी मांगे हैं। पत्र में कहा गया है कि सरकार किसानों की आशंकाओं पर चर्चा करने के लिए तैयार है। हालाँकि केंद्र सरकार ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि वह किसान बिलों को किसी भी सूरत में वापिस नहीं लेगी। इसी दौरान 25 किसानों की मौत की खबर भी आ रही है। किसानों की दिनों दिन होती मौत के बाद कांग्रेस ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी से सवाल किया है कि दो दर्जन किसानों की मौत के बाद भी मोदी की चुप्पी सवाल खड़े करती है। फिलहाल केन्द्र सरकार और किसानों के बीच कोई हल नहीं निकल पाया है।
हालाँकि देशभर में किसान आंदोलन तेज होता जा रहा है। भारतीय किसान यूनियन के नेता जगजीत सिंह दलेवाला ने लोगों से अपील की है कि 27 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी जब मन की बात कार्यक्रम करेंगे, तो सभी अपने घरों में थाली बजायेंगे । इसी के साथ किसानों के ऐलान के मुताबिक आज एक दिवसीय भूख हड़ताल भी की जा रही है।
उधर, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक बिल वापिस नहीं होगा, एमएसपी पर कानून नहीं बनेगा तब तक किसान यहां से नहीं जाएंगे। टिकैत ने अपील करते हुए कहा है कि आने वाली 23 तारीख को किसान दिवस के मौके पर किसान एक समय का भोजन ग्रहण न करें और किसान आंदोलन को याद करें।