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देशभर से कृषि विधेयक के खिलाफ सड़कों पर उतरे किसान

कृषि विधेयक के खिलाफ अपने ‘भारत बंद’ आंदोलन के तहत देश के विभिन्न भागों में किसान सड़कों पर उतर कर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, अखिल भारतीय किसान महासंघ, भारतीय किसान यूनियन जैसे संगठनों ने बंद को आह्वान किया है। भारत बंद में 17 किसान संगठन हिस्सा ले रहे हैं। पंजाब हरियाणा और पश्चिमी यूपी के किसान अपनी आवाज़ को सरकार तक बुलंद करने के लिए सड़कों पर आ गए हैं। उधर, बिहार में राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने किसानों के पक्ष में समर्थन व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकार ने हमारे ‘अन्नदाता’ को ‘फंडदाता’ के माध्यम से कठपुतली बना दिया है। उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ भैंस की सवारी की। लोकसभा और राज्यसभा में भारी विरोध के बाद सरकार ने कृषि से संबंधित कृषि बिल को पास कर दिया है। राज्यसभा में कई सांसदों ने वॉकआउट कर दिया था।

 

इन बिलों को लेकर केंद्र सरकार का कहना है कि इन बिलों से किसानों की आय दोगुनी होगी और वह अपनी इच्छा से कहीं भी कभी भी अपनी फसल को बेच सकते हैं। केंद्र के तीन नए विधेयकों से किसानों को न केवल बड़ा बाजार मिलेगा, बल्कि पुरानी अनचाही विपणन व्यवस्था से आजादी मिलेगी। इससे किसानों की वह शिकायत भी दूर होगी, जिसमें कहा जाता था कि कारोबारी मर्जी से उत्पाद बेच सकता है तो किसान क्यों नहीं।

हालाकि केंद्र सरकार किसानों को लुभाने के लिए इस बार पहले ही रबी की फसलों का एमएसपी तय के दिया है। फसलों के एमएसपी को लेकर पीएम और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ट्वीट भी किया था। लेकिन किसानों का कहना है कि जब तक सरकार इन बिलों को वापस नहीं लेगी तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।

हरियाणा में इन कृषि अध्यादेशों को लेकर जेजेपी पार्टी में बगावत के सुर उभरने लगे, जेजेपी पार्टी के संस्थापक दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि यह अध्यादेश किसानों के लिए लाभकारी है, वहीं उन्हीं की पार्टी के नेता और विधायक जोगी राम सिहाग ने कहा कि अध्यादेश पूरी तरह किसान विरोधी है। हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि “इन अध्यादेशों से किसानों के सामने फसलों को निर्धारित के अलावा देशभर में किसी भी अनाज मंडी में बेचने के मार्ग खुल गए हैं”।

वहीं जेजेपी नेता और विधायक जोगी राम सिहाग ने कहा है कि “कल फतेहाबाद में देवी लाल जयंती पर जाऊंगा। लौटते समय किसानों ने रोका तो उनके साथ आंदोलन में शामिल होऊंगा। पिपली में किसानों पर लाठीचार्ज गलत था”।

किसान संगठन भाकियू के  प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी का कहना है कि “तीनों बिलों के विरोध में किसान आंदोलन करेंगे। कहा कि जहां पर किसानों व साथी संगठनों की पूरी ताकत होगी। वहीं पर रोड जाम किया जाएगा, जहां पर संख्या कम होगी वहां धरना प्रदर्शन और जुलूस निकाले जाएंगे”।

 

उन्होंने आगे कहा कि “भाकियू कार्यकर्ताओं ने बाजारों में दुकान दर दुकान जाकर लोगों से बंद रखने की अपील की है। किसान कोई जोर-जबरदस्ती नहीं करेंगे। मुस्तफाबाद यमुनानगर में रेल को भी रोका जा सकता है। शाहाबाद में साहा रोड पर राधा स्वामी सत्संग व्यास के सामने सड़क को जाम किया जाएगा। प्रदेशभर में आज प्रातः 10 बजे से ही किसान सड़कों पर उतर गए हैं।”

हरियाणा के होम मिनिस्टर अनिल विज ने स्थिति को देखते हुए पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की है। उन्होंने कहा है कि सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है, मगर कानून के दायरे में। कहीं भी प्रदर्शन के लिए अगर भीड़ इकट्ठी करनी है तो उसके लिए लिखित में परमिशन लेनी पड़ेगी। हरियाणा और पंजाब के किसान पिछले कई दिनों से इन तीनों बिलों को लेकर सड़कों पर उतरे हुए हैं। बिलों के चलते ही केंद्रीय फूड प्रोसेसिंग मंत्री और बीजेपी की समर्थन पार्टी अकाली दल के सांसद हरसिमरत कौर बादल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

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