मध्य प्रदेश से एक चौका देने वाला वीडियो वायरल हो रहा है। यहां एक किसान की इतनी पिटाई की गई कि उसकी मौत हो गई। पीटने का आरोप जबलपुर पुलिस पर लगाया गया है। पीटाई की घटना के बाद किसान को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां कल रात उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
किसान का नाम बंशी कुशवाहा है। वीडियो में किसान ने गोराबाजार थाना में पदस्थ उप-निरीक्षक आलोक सिंह, प्रधान आरक्षक मुकेश पटेरिया और आरक्षक राकेश सिंह, गुड्डू सिंह, बृजेश और आशुतोष का नाम लिया है। किसान के द्वारा लिए गए नामों के आधार पर इन सभी पुलिसवालों को निलंबित कर दिया गया है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ संजीव उइके ने इस मामले को लेकर सोमवार को बताया कि 16 अप्रैल की रात को एक किसान बंशी कुशवाहा की कथित पिटाई करने के आरोप में छह पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि किसान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उस वीडियो में किसान ने छह पुलिसकर्मियों के नाम लिए गए थे। उन सभी को सस्पेंड कर दिया गया है।
संजीव उइके ने आगे बताया कि किसान की ओर से इस घटना के बारे में पुलिस थाने या पुलिस अधिकारियों से कोई शिकायत नहीं की गई है। पुलिस अधीक्षक ने आगे कहा कि प्राथमिक जांच में मालूम हुआ है कि किसान को एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए 19 अप्रैल को भर्ती कराया गया था।
उन्होंने कहा कि इस मामले में नगर पुलिस अधीक्षक (सीएसपी) स्तर के अधिकारी से जांच कराई जा रही है। फिलहाल किसान की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने किसान का वीडियो ट्विटर पर साझा किया है। जिसमें किसान घटना में शामिल पुलिसकर्मियों के नाम ले रहा है।
कमलनाथ ने अपने ट्वीट में लिखा, “जबलपुर में शिवराज सरकार की पुलिस ने 50 वर्षीय बंशी कुशवाह नाम के किसान की बेरहमी से उस समय पिटाई की, जब वह अपने खेत में बंधी गाय को चारा ,पानी देकर लौट रहा था। इस बेरहमी से पिटाई से उस ग़रीब किसान की मौत हो गई।”
जबलपुर में शिवराज सरकार की पुलिस ने एक 50 वर्षीय बंशी कुशवाह नाम के किसान की बेरहमी से उस समय पिटाई की , जब वो अपने खेत में बंधी गाय को चारा ,पानी देकर लौट रहा था।
इस बेरहमी से पिटाई से उस ग़रीब किसान की मौत हो गयी।
1/3 pic.twitter.com/PczKyzsm7R— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) April 20, 2020
उन्होंने आगे लिखा, “शिवराज सरकार के आते ही प्रदेश में किसानों पर दमन प्रारंभ हो गया है। लॉकडाउन का पालन हो लेकिन एक किसान जब अपनी भूखी प्यासी गाय को चारा पानी देकर घर लौट रहा हो, तब कारण जाने बिना उसकी बेरहमी से पिटाई, दरिंदगी एवं बर्बरता है।”
कमलनाथ ने आगे कहा है कि मामले के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। किसान के परिवार की सरकार हरसंभव मदद करे। शिवराज सरकार में एक तरफ तो अपराधी भाग रहे हैं, संभल नहीं रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ आमजन पिटाई और दमन का शिकार हो रहे हैं और मारे जा रहे हैं।