उन्नाव के गांव ऐरा भदियार में अमर शहीद गुलाब सिंह लोधी का जयंती समारोह चल रहा था। जहां भाजपा विधायक पंकज गुप्ता मंचासीन थे। तभी एक बुजुर्ग किसान हाथ में लाठी लेकर मंच की तरफ बढ़ता है। किसान का चलने का स्टाइल बता रहा था कि वह बहुत गुस्से में है। बावजूद इसके भाजपा विधायक बुजुर्ग किसान के इस भाव को नहीं पहचान सके। जैसे ही किसान मंच के ऊपर चढ़ा और विधायक के पास पहुंचा, भाजपा विधायक पंकज गुप्ता ने चरण स्पर्श करने के अंदाज में उनकी तरफ हाथ बढ़ाया।
लेकिन यह क्या बुजुर्ग ने आशीर्वाद देने की बजाय विधायक को थप्पड़ जड दिया। यह देख कर सारी जनसभा में ऊहापोह की स्थिति पैदा हो गई। आखिर ऐसी क्या बात थी कि किसान ने विधायक को मंच पर भी जाकर थप्पड़ रसीद कर दिया ?
थप्पड़ मारने वाला यह किसान भारतीय किसान यूनियन की लाल टोपी लगाए हुए था। जब इस थप्पड़ कांड का वीडियो वायरल हुआ तो भाजपा विधायक डिफेंसिव मोड में आ गए और अगले ही दिन अपने कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुला दी। जिसमें जब पत्रकार प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहुंचे तो यह देखकर दंग रह गए कि वह बुजुर्ग किसान जिसने विधायक को मंच पर थप्पड़ मारा था, उसे विधायक अपने साथ कुर्सी पर बिठाए हुए हैं।

बहरहाल, प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू हुई और विधायक पंकज गुप्ता ने अपने बचाव में बयान जारी किए। जिसमें उन्होंने कहा कि बुजुर्ग किसान छत्रपाल ने उन्हें थप्पड़ नहीं मारा था, बल्कि वह मंच पर आशीर्वाद देने आए थे। साथ ही विधायक ने कहा कि छत्रपाल उनके चाचा के समान है । पिता तुल्य है। वीडियो को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। सदर विधानसभा में विपक्ष को कोई प्रत्याशी ढूंढने से भी नहीं मिल रहा है। इसलिए इस तरह के कुचक्र रचे जा रहे हैं। जबकि किसान ने कहा कि उन्होंने विधायक को ऐसे 50 बार थप्पड़ मारे हैं। हालांकि पहले 50 थप्पड़ तो किसी ने नहीं देखे। लेकिन यह थप्पड़ सियासत की गलियों में हर किसी के मोबाइल में घूम रहा है।
उधर, दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश सरकार ने किसान के इस व्यवहार को अपनत्व बताया है। उत्तर प्रदेश के सूचना और जनसंपर्क विभाग ने उन्नाव की घटना को भ्रामक ही बता दिया और कहा कि बुजुर्ग किसान यूनियन के नेता है। जो विधायक के 2012 के चुनाव से साथ ही है। उनके विधायक से करीबी रिश्ते हैं। उन्होंने अपनत्व की भावना के साथ भाजपा विधायक के साथ यह व्यवहार किया। अब सवाल यह उठ रहा है कि अगर बुजुर्ग किसान ने थप्पड़ मार कर भाजपा विधायक को अपनत्व जताया तो ऐसे में विधानसभा क्षेत्र में कितने और लोग होंगे जो इसी प्रक्रिया को अपनाकर अपने जनप्रतिनिधि को अपनत्व जतायेगे।
हालांकि, सूत्रों से जो खबर आ रही है वह यह है कि किसान छत्रपाल खेती बाड़ी करता है। साथ ही अपने खेत की रखवाली करते हैं। ऐसी ठंड में भी खेतों पर ही रहने पर मजबूर है। इसका कारण आवारा पशुओं को बताया जा रहा है । उत्तर प्रदेश में आवारा पशु किसानों के लिए एक बड़ा सिरदर्द बनते जा रहे हैं। आवारा पशु जिनमें गाय और बैल प्रमुखता से हैं। वह किसानों की फसलों को उजाड़ रहे हैं। जिसके मद्देनजर किसान हाड कपाऊ ठंड में अपने खेतों पर पहरा देने को मजबूर है। हो सकता है कि शायद इसी नाराजगी की वजह से बुजुर्ग किसान में भाजपा विधायक को थप्पड़ जड़ दिया।