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किसान नेता दर्शनपाल सिंह : तीनों कृषि कानून किसानों के लिए डेथ वारंट जैसा

कृषि कानूनों पर घमासान जारी है। केंद्र के नए कृषि कानूनो के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान पिछले 29 दिनों से दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हुए हैं। सरकार और किसानों के बीच में कई दौर की बातचीत हो चुकी है, मगर सभी बेनतीजा रही हैं। किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस करने की मांग पर अड़े हैं। ऐसे में कृषि कानूनों पर किसानों और सरकार के बीच गतिरोध टूटता नहीं दिख रहा है। किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने तो इन तीनों कृषि कानून को किसानों के लिए डेथ वारंट जैसा बताया । सिंह ने कहा कि केंद्र की वार्ता की पेशकश में कुछ भी नया नहीं है. उन्होंने कहा कि कृषि मंत्रालय और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से वार्ता में किसान नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि कृषि कानूनों को रद्द करने से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। साथ ही अगर सरकार कोई ठोस प्रस्ताव लाती है या कुछ नई पहल करती है तो वार्ता हो सकती है।

किसानों के इस आंदोलन को राजनीतिक दलों का भी समर्थन भरपूर मिल रहा है। किसानों के समर्थन में आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी दिल्ली के विजय चौक से लेकर राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालने वाले थे, लेकिन इसके पहले ही पुलिस ने प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कई कांग्रेस नेताओं को हिरासत में ले लिया। दिल्ली पुलिस ने उन्हें मार्च निकालने की अनुमति नहीं दी थी। हालांकि कुछ देर बाद उन्हें छोड़ दिया गया। उधर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में तीन नेताओं ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ज्ञापन सौंपा और संसद का संयुक्त सत्र बुलाकर कृषि कानूनों का वापस लेने की मांग की। राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद मीडिया से चर्चा में राहुल गांधी ने केंद्र सरकार व पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा। एक सवाल के जवाब में कहा कि देश में लोकतंत्र खयालों में है, सरकार मोहन भागवत को भी आतंकवादी बता सकती है।

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