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देशव्यापी भूख हड़ताल पर किसान, अरविंद केजरीवाल का समर्थन

पिछले कई दिनों से किसान सिंधु बार्डर, चिल्ला वार्डर पर कृषि कानूनों के विरोध में डटे हुए हैं। किसान मांग कर रहे है कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों को रद्द करें, दूसरी तरफ केंद्र सरकार कृषि कानूनों पर पीछे हटने को तैयार नहीं है। किसानों और सरकार के बीच कई बार कानूनों को सशोंधन को लेकर वार्ता हो चुकी है, पंरतु हर बार वार्ता बेनतीजा ही निकली है। अब किसानों ने ऐलान किया है कि वह देश भर के जिला मुख्यालयों के बाहर धरना-प्रदर्शन करेंगे।

कृषि कानूनों के खिलाफ आज किसानों की देशभर में भूख हड़ताल जारी है। दिल्ली की सीमाओं पर दर्जनों किसान संगठन अनशन पर हैं और कृषि कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं। किसानों द्वारा आज कई हाइवे जाम किए जा रहे हैं और नेताओं के घेराव का प्लान है। किसानों की भूख हड़ताल को आम आदमी पार्टी समेत अन्य दलों ने भी समर्थन दिया है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसानों के समर्थन में एक दिन का उपवास रखा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि “उपवास पवित्र होता है। आप जहां हैं, वहीं हमारे किसान भाइयों के लिए उपवास कीजिए। प्रभु से उनके संघर्ष की सफलता की प्रार्थना कीजिए। अंत में किसानों की अवश्य जीत होगी।”

लेकिन केजरीवाल के एक दिन के उपवास को लेकर अब सियासत शुरु हो गई है। केंद्रीय सूचना एंव प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने अरविंद केजरीवाल के उपवास पर निशाना साधते हुए कहा कि “अरविंद केजरीवाल जी, ये आपका पाखण्ड है। आपने पंजाब विधानसभा चुनावों में वादा किया था कि जीतने पर एपीएमसी कानून में संशोधन किया जाएगा। नवम्बर 2020 में आपने दिल्ली में कृषि कानूनों को अधिसूचित भी किया और आज आप उपवास का ढोंग कर रहे हो। यह कुछ और नही बल्कि पाखण्ड ही है।”

14 दिसंबर यानी आज शाम को गाजीपुर और अन्य बॉर्डर पर किसानों की बैठक होगी। इसके बाद कल सिंघु बॉर्डर पर सभी संगठन मिलेंगे और आगे की रणनीति पर मंथन करेंगे। आंदोलन को लेकर कल की बैठक में फैसला होगा। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर आज गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात में किसान आंदोलन पर मंथन हो सकता है। भारतीय किसान यूनियन (हरियाणा) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह ने कहा कि  सरकार एमएसपी पर सबको गुमराह कर रही है। गृह मंत्री अमित शाह ने 8 दिसंबर की बैठक के दौरान हमें जवाब दिया कि वे सभी 23 फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं खरीद सकते क्योंकि इसकी लागत 17 लाख करोड़ रुपये है।

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