केंद्र के मोदी सरकार ने सत्ता में काबिज होने के 2 साल बाद वर्ष 2016 में अपना लक्ष्य निर्धारित करते हुए किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करने का वादा किया था। कृषि मंत्री ने पिछले साल जुलाई में आईसीएआर के आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने अपना वादा निभाया है।
लेकिन किसानों की आय दोगुनी होने की बजाय आज भी उतना ही मजबूर, बेबस और लाचार हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गिरते प्याज के दामों के कारण हाल ही में जब महाराष्ट्र के एक किसान को 512 किलो प्याज बेचने पर महज दो रुपये मिले।
क्या है कहानी
महारष्ट्र के सोलापुर में रहने वाले किसान राजेंद्र तुकाराम चव्हाण अपने 2 एकड़ खेत में प्याज की खेती की थी। प्याज कहीं सड़ न जाये इसके दर से वह अपनी प्याज जल्दी बेचना चाहता था। इसलिए वह 70 किलोमीटर का सफर करके 17 फरवरी, 2023 को सोलापुर के सूर्या ट्रेडर्स मे दस बोरी प्याज लेकर गया। जिसमें कुल मिलकर 512 किलो प्याज थी। लेकिन प्याज के दाम में गिरावट आने के कारण राजेंद्र को अपनी प्याज एक रूपये प्रति किलो के आधार पर बेचनी पड़ी। जिसके आधार पर उसे साड़ी प्याज बेचने के 512 रुपये मिलने चाहिए थे। लेकिन माल चढ़ाने-उतारने, परिवहन, मजदूरी और अन्य शुल्क काटने के बाद, उसे सिर्फ उससे 2.49 रुपये ही प्राप्त हुए। कृषि उपज मंडी समिति के व्यापारी सूर्या ट्रेडर्स ने राजेंद्र चव्हाण को दो रुपये का चेक भी दे दिया। इस सन्दर्भ से देश में किसान की दयनीय स्थिति का पता लगाया जा सकता है। राजेंद्र का कहना है कि व्यापारी ने मुझे 1 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज खरीदने का प्रस्ताव दिया। जिसके आधार पर उन्हें उनकी फसल के 512 रुपये प्राप्त होने चाहिए थे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और सूर्या ट्रेडर्स ने इसमें से 509.51 रुपये शुल्क कटौती के बाद मुझे सिर्फ 2.49 रुपए ही दिए । जो उसके साथ-साथ अन्य प्याज उत्पादकों और किसानों का अपमान है। किसान राजेंद्र कहते हैं कि प्याज के किसानों को फसल का अच्छा दाम मिलना चाहिए और प्रभावित किसानों को मुआवजा मिलना चाहिए।
सूर्या ट्रेडर्स क्या कहता है
व्यापारी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि किसान द्वारा बेची गई प्याज अच्छी गुणवत्ता वाली नहीं थी।इसलिए, उसे 100 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से दाम दिया गया है। जो शुल्क की कटौतियों के के बाद, दो रुपये ही बच पाया। व्यापारी ने यह भी बताया कि कुछ समय पहले राजेंद्र ने ही मुझे 400 से ज्यादा बोरे प्याज बेचकर अच्छा मुनाफा कमाया था। लेकिन इस बार प्याज की कीमतें कम हो गई हैं, इसलिए उसे इतनी कीमत मिली है।
किसान कर रहे हैं विरोध
महाराष्ट्र के लासलगांव कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) में प्याज की कीमतों में लगातार हो होने वाली कमी से नाराज किसानों ने प्याज की नीलामी रोक दी है। प्याज की कीमत घटकर दो से चार रुपये प्रति किलो रह गई है जो पिछले वर्ष 10 से 20 रुपये थी। प्याज उत्पादकों का कहना है कि सरकार को प्याज की कीमत 1500 रुपये प्रति क्विंटल घोषित कर देनी चाहिए। साथ ही उनकी उपज को 15 से 20 रुपये प्रति किलोग्राम पर खरीदना चाहिए, अगर ऐसा नहीं होगा तो वे नासिक जिले के लासलगांव एपीएमसी में प्याज की नीलामी फिर से शुरू नहीं करेंगे।