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फसल बीमा योजना में फर्जीवाड़ा, किसानों से प्रीमियम तो लिया, मगर बीमा नहीं किया 

हरियाणा में केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों के साथ फर्जीवाडे का मामला सामने आया है। इसमें किसानों से बीमा की प्रीमियम राशि तो ले ली, लेकिन उनका बीमा नहीं किया गया। इस मामले में 100 से अधिक बैकों की ब्रांच में करीब 7600 किसानों के खातों के साथ ऐसा हुआ है। जब किसानों की फसल बर्बाद हुई और उन्होंने मुआवजे के लिए कहा तो बीमा कंपनियों ने क्लेम देने से मना कर दिया। कंपनियों ने बताया कि फसलों का बीमा कराया ही नहीं गया।

जब मामले की जांच हुई तो पता चला किसानों ने प्रीमियम दिया था, लेकिन बैंक के कर्मचारियों और एजेंटों ने यह पैसा बीमा कंपनियों को जमा नहीं करवाया। बैंक कर्मचारियों ने ज्यादातर किसानों के नाम व पता तक गलत लिखे हुए हैं। जिसके कारण फसल बर्बादी पर किसानों को उनका क्लेम नहीं मिल पाया। अब  सरकार की तरफ से बैंक के कर्मचारियों और एजेंटों पर धोखाधड़ी के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। किसानों को मुआवजे के तौर पर करीब 15 करोड़ रुपए आवंटित होने थे। बैंक कर्मियों द्वारा अपनी गलती को छुपाने के लिए किसानों से प्रीमियम लिया गया है और बीमा न होने पर किसानों के खातों में प्रीमियम की राशि जमा करा दी गई है।

राज्य के कृषि मंत्री जेपी दलाल का कहना है कि “किसानों को मुआवजे का एक-एक पैसा दिलाया जाएगा। अब सरकार ने फसल बीमा ऐच्छिक कर दिया है। कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने केंद्र को पत्र लिखकर बैंकों पर कार्रवाई की मांग की है, वहीं बैंकों को खरीफ फसल के बीमा का रिकार्ड 15 अगस्त तक जमा करना हैं”। इस मामले पर अब प्रदेश का कृषि विभाग भी सख्ते में आ गया है। कृषि विभाग ने किसानों को फसल बीमा राशि देने में लापरवाही करने पर एक कंपनी पर 14.04 करोड़़, दूसरी कंपनी पर 11.09 करोड़, और तीसरी कंपनी पर 9.79 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है।

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