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विशेषज्ञों ने की भविष्यवाणी, मई के मध्य तक और ज्यादा घातक होगा कोरोना 

देश कोरोना की दूसरी लहर से संकट में है। कोरोना वायरस इस बार ज्यादा  घातक दिख रहा है।  पिछले एक हफ्ते  से  लगातार तीन लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं , जबकि दो से तीन हजार लोगों की हर रोज जान जा रही है। स्थिति बेकाबू होते दिख रही है। ऐसी स्थिति में यह संकट और भी ज्यादा गहराता जा रहा है। देश के विशेषज्ञों द्वारा की जा रही भविष्यवाणियों के अनुसार, मई के मध्य तक कोरोना का संक्रमण अपने चरम पर चला जाएगा, जिसमें रोजाना दर्ज होने वाली संक्रमितों की संख्या 5 लाख तक पहुंच सकती है।

 कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर आईआईटी के वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि मई के मध्य तक कोरोना की दूसरी लहर ज्यादा प्रभावी हो सकती है। उन्होंने अपने पूर्वानुमान में संशोधन करते हुए एक गणितीय मॉडल के आधार पर कहा है कि भारत में कोरोना  की दूसरी लहर के दौरान सक्रिय मामलों की संख्या 14 से 18 मई के बीच चरम पर पहुंचकर 38 से 48 लाख हो सकती है। इतना ही नहीं, चार से आठ मई के बीच संक्रमण के हर रोज आने वाले  मामलों की संख्या 4.4 लाख तक के आंकड़े तक पहुंच सकती है।

आईआईटी कानपुर और हैदराबाद के वैज्ञानिकों ने सूत्र नाम के मॉडल का इस्तेमाल करते हुए कहा कि मई के मध्य तक उपचाराधीन मामलों की संख्या में 10 लाख से अधिक तक की वृद्धि हो सकती है। नए पूर्वानुमान में समयसीमा और मामलों की संख्या में सुधार किया गया है। पिछले सप्ताह शोधकर्ताओं ने पूर्वानुमान व्यक्त किया था कि महामारी 11 से 15 मई के बीच चरम पर पहुंच सकती है और उपचाराधीन मामलों की संख्या 33-35 लाख तक हो सकती है तथा मई के अंत तक इसमें तेजी से कमी आएगी।

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इस महीने के शुरू में, वैज्ञानिकों ने पूर्वानुमान व्यक्त किया था कि देश में 15 अप्रैल तक उपचाराधीन मामलों की संख्या चरम पर होगी, लेकिन यह बात सच साबित नहीं हुई। आईआईटी-कानपुर में कंप्यूटर विज्ञान एवं अभियांत्रिकी विभाग के प्रोफेसर मनिंदर अग्रवाल ने कहा कि इस बार मैंने पूर्वानुमान आंकड़े के लिए न्यूनतम और अधिकतम गणना भी की है। मुझे विश्वास है कि वास्तविक आंकड़ा न्यूनतम और अधिकतम आंकड़े के बीच होगा। अग्रवाल ने उपचाराधीन मामलों और नए मामलों के चरम पर पहुंचने के पूवार्नुमान संबंधी नए आंकड़े ट्विटर पर साझा किए।

अग्रवाल ने यह भी उल्लेख किया कि यह स्पष्ट नहीं है कि अंतिम आंकड़ा क्या होगा। अभी यह अध्ययन रिपोर्ट प्रकाशित नहीं हुई है। वैज्ञानिकों ने कहा कि सूत्र मॉडल में कई विशिष्टताएं हैं। गौतम मेनन और हरियाणा स्थित अशोका विश्वविद्यालय की उनकी टीम ने एक स्वतंत्र गणना में पूर्वानुमान व्यक्त किया था कि कोरोना  की मौजूदा लहर मध्य अप्रैल से मध्य मई तक के बीच अपने चरम पर पहुंच सकती है। मेनन ने यह भी आगाह किया कि कोविड-19 से संबंधित इस तरह के पूर्वानुमानों पर केवल अल्पकालिक अवधि में ही विश्वास किया जाना चाहिए।

 कोरोना का अगला हॉट स्पॉट बन सकता है उत्तर प्रदेश :नीति आयोग 

नीति आयोग ने चेतावनी दी  है कि महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली के बाद उत्तर प्रदेश देश में कोरोना का अगला हॉट स्पॉट बन सकता है।  खबरों के अनुसार, नीति आयोग ने  आगाह करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज्य में रोजाना 1.9 लाख से अधिक कोरोना के नए मामले रोजाना दर्ज किए जा सकते हैं। नीति आयोग ने कहा कि आगामी 30 अप्रैल तक उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 1 लाख 19 हजार 604 तक पहुंच सकती है।  वहीं महाराष्ट्र में 99 हजार 665 और दिल्ली में 67 हजार 134 मामले दर्ज किए जा सकते हैं।  बता दें कि देश में महामारी की दूसरी लहर के दौरान कोरोना मामलों में संख्या में रोजाना तेजी से उछाल दर्ज किया जा रहा है और मई के मध्य तक इसे अपने चरम पर जाने की संभावना जाहिर की जा रही है।

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने अभी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में राज्यों के साथ हुई बैठक में यह आशंका  जाहिर की थी।  उन्होंने अपनी प्रस्तुति के दौरान इस बात को पुरजोर तरीके से उठाया था कि ज्यादा आबादी वाले राज्यों में जोखिम ज्यादा है और इन राज्यों में इससे निपटने के लिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में बुनियादी सुविधाएं पर्याप्त नहीं हैं।  देश के ज्यादातर घनी आबादी वाले राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश को भी ऑक्सीजन की कमी के संकट का सामना करना पड़ सकता है।

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