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अर्थव्यवस्था और नौकरियों के मोर्चे पर और बुरी खबरें आने की उम्मीद: राहुल गांधी

अर्थव्यवस्था और नौकरियों के मोर्चे पर और बुरी खबरें आने की उम्मीद: राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के हालिया आंकड़ों की तरफ इशारा करते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने एक ट्विटर पर एक ग्राफ शेयर कर अर्थव्यवस्था और नौकरियों को लेकर बुरी खबरें आने की संभावना जताई है।

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ”आरबीआई ने असल में ‘देश का मूड’ क्या है इसका खुलासा किया है। इस वक्त लोगों का विश्वास सबसे कम है। भय और असुरक्षा का स्तर सबसे ज्यादा है। अर्थव्यवस्था और नौकरियों के मोर्चे पर और बुरी खबरें आने की उम्मीद है।”

जिस आंकड़ों के ग्राफ को राहुल गांधी ने शेयर किया है उसके टाइटल में ‘पीपल्स कॉन्फिडेंस लेवल’ लिखा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) को इन आंकड़ों का आधार बताया गया है। उल्लेखनीय है कि कल गुरुवार को रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि अगर कोरोना महामारी लंबे समय तक खिंचता तो उसके बुरे असर होंगे। उन्होंने कहा था कि ऐसा होने पर घरेलू अर्थव्यवस्था की हालत और खराब अधिक खराब हो सकती है।

रिजर्व बैंक के गवर्नर ने यह भी कहा कि आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने के लिए केंद्रीय बैंक उपलब्ध मौद्रिक गुंजाइश का विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करेगा। उन्होंने ये बातें द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान कही थी। उन्होंने कहा था कि हालांकि, चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि नकारात्मक रहेगी पर महामारी पर पहले काबू पा लिया गया तो उसका अर्थव्यस्था पर ‘अनुकूल’ प्रभाव पड़ेगा।

आरबीआई ने अपने मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में फिलहाल कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया है। आरबीआई ने कहा कि फिलहाल रेपो रेट में कोई कटौती नहीं होंगी। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि बिना किसी बदलाव के रेपो रेट 4 प्रतिशत है। जबकि रिवर्स बिना किसी बदलाव के साथ रेपो रेट भी 3.35 प्रतिशत है।

आरबीआई ने कोविड महामारी को देखते हुए यथास्थिति का विकल्प चुना है और ब्याज दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया है। लेकिन, महामारी की वजह से प्रभावित अर्थव्यवस्था को देखते हुए आरबीआई ने भविष्य में और अधिक दरों में कटौती के संकेत दिए हैं।

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