मोदी सरकार 2 . 0 का एक दो दिन में विस्तार हो सकता है। इसमें कई नए पुराने चेहरे शामिल होने की चर्चा है। कई मंत्रियो को उनके मंत्रालय से हटाने की बाते भी हो रही है। इस बार उत्तर प्रदेश और बिहार को ज्यादा अहमियत दिए जाने की चर्चा है। उत्तर प्रदेश में अगले साल चुनाव होने है। इसी तरह उत्तराखंड में भी अगली साल चुनाव होंगे तो ऐसे में वहा से दो सांसदों के नाम चर्चाओं में है। उत्तराखंड से जिन भाजपा नेताओं को मंत्री बनाया जा सकता है कि उनमें अजय भट्ट या अनिल बलूनी दोनों में से एक मोदी मंत्रालय में लिए जा सकते है। हालाँकि उत्तराखंड से पहले से ही डॉ रमेश पोखरियाल निशंक केंद्रीय मंत्री है। लेकिन उनके बारे में चर्चा यह है कि वह हटाए जा सकते है।
जबकि कर्नाटक से प्रताप सिन्हा, पश्चिम बंगाल से जगन्नाथ सरकार, शांतनु ठाकुर या निसिथ प्रामाणिक तो हरियाणा से बृजेंद्र सिंह, राजस्थान से राहुल कासवान, ओडिशा से अश्विनी वैष्णव तथा महाराष्ट्र से पूनम महाजन या प्रीतम मुंडे और हिना गावित का नाम मंत्री बनने की लिष्ट में शामिल हैं। इस सूचि में दिल्ली से परवेश वर्मा या मीनाक्षी लेखी का नाम भी हो सकता है।

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अगले साल यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए वरुण गांधी, जितिन पर्षद , रामशंकर कठेरिया, अनिल जैन, रीता बहुगुणा जोशी, जफर इस्लाम और अपना दल की अनुप्रिया पटेल भी मंत्री बनने की लाइन में हैं। इनके अलावा बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, महाराष्ट्र के नेता नारायण राणे, भूपेंद्र यादव को भी मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है । जबकि मध्य प्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।

बिहार के सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार कम से कम दो मंत्रालयों पर अड़ रहे हैं। कहा जा रहा है कि उनकी पार्टी से लल्लन सिंह, रामनाथ ठाकुर और संतोष कुशवाहा केंद्रीय मंत्री बनने की दौड़ में शामिल हैं। इस विस्तार में चिराग पासवान को भी शामिल किए जाने की चर्चा थी। लेकिन बताया जा रहा है कि उनके चाचा पशुपति पारस चिराग की रह में रोड़ा बन सकते हैं। दोनों के बीच टकराव जगजाहिर है। इसकी वजह से लोक जनशक्ति पार्टी दो फाड़ हो चुकी है। कुछ दिनों पहले ही में पार्टी के पांच सांसदों के साथ पशुपति अलग हो गए हैं। पिछले साल चिराग के पिता राम विलास पासवान का निधन हो गया था, इसके बाद एलजेपी में यह फूट सामने आई है ।
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केंद्रीय सूत्रों का यह भी कहना है कि मोदी 2 . ० विस्तार में कई मौजूदा पुराने मंत्रियों को हटाया जा सकता है। फिलहाल केंद्र में 9 मंत्रियों के पास एक से ज्यादा विभाग हैं। इनमें प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, नितिन गडकरी, डॉ. हर्षवर्धन, नरेंद्र सिंह तोमर, रविशंकर प्रसाद, स्मृति ईरानी और हरदीप सिंह पुरी शामिल हैं। इनके विभाग काम करके इनके मंत्रालय किसी और को दिए जा सकते है।