कोरोना से बचाव के मद्देनजर देशभर में स्कूल या कॉलेज बंद हैं। लेकिन गुजरात के अहमदाबाद नगर निगम के स्वामित्व वाले एक स्कूल में बंद दरवाजों के पीछे परीक्षा आयोजित की जा रही है। यहां बच्चों का परीक्षा देने स्कूल बुलाया गया। इस मामले में एक वीडियो भी सामने आया है।
गौरतलब है कि इससे पहले अहमदाबाद के 16 शिक्षकों के कोरोना पॉजिटिव होने की सूचना मिली थी। इन शिक्षकों को डोर–टू–डोर सर्वेक्षण करने का काम सौंपा गया था। ये सभी शिक्षक अहमदाबाद नगर प्राथमिक विद्यालय के रहने वाले हैं। इससे सबक लेने के बजाए स्कूल में अहमदाबाद में स्कूल में परीक्षा आयोजित कराई गई। जो स्थानीय प्रशासन पर सवाल खड़े करता है कि आखिर कोरोना के चलते स्कूल खोलने की मनाही के बावजूद बच्चों की जान से खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है ?
स्कूल बंद होने के बाद भी अहमदाबाद के गुलबाई टेकरा के पास निगम के एक स्कूल में कक्षा 7 और 8 की परीक्षाएं चल रही थीं। कांग्रेस छात्र संघ के महासचिव, एनएसयूआई की जांच के बाद स्कूल की यह करतूत सामने आई। जांच में पता चला कि स्कूल में एक कक्षा में बंद दरवाजों के पीछे परीक्षा आयोजित की जा रही थी। भले ही लॉकडाउन के कारण स्कूल वर्तमान में बंद है, लेकिन स्कूल के सिस्टम से परीक्षा के लिए छात्रों को बुलाकर सरकारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया गया है।
वर्तमान कोरोना काल के कारण शिक्षा विभाग ने स्कूलों को परीक्षा के लिए छात्रों के घरों में प्रश्न पत्र वितरित करने का आदेश दिया है। लेकिन घर पर प्रश्न पत्र पहुंचाने के बजाय, स्कूल ने छात्रों को भी स्कूल बुला लिया। बताया जा रहा है कि शिक्षक कोरोना के डर से छात्रों के घर नहीं जा रहे हैं। शिक्षकों ने भी इस संबंध में अपना विरोध दर्ज कराया है। दूसरी ओर छोटे बच्चों में कोरोना के उच्च जोखिम के बावजूद यह देखा जाना बाकी है कि स्कूल के जिम्मेदार शिक्षकों के खिलाफ अब जो व्यवस्था की गई है। उसके लिए क्या कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले में शिक्षकों ने अपना बचाव करते हुए कहा कि छात्रों को समझाने के लिए बुलाया गया था। उन्हें यह समझाने के लिए स्कूल में बुलाया गया कि उनके पास मोबाइल या टीवी नहीं है। जबकि कुछ छात्रों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें फोन करके स्कूल बुलाया गया था। यह भी तर्क दिया जा रहा है कि बच्चों को किताबें देने के लिए बुलाया गया था। यहाँ ध्यान देने योग्य बात यह थी कि अहमदाबाद नगर निगम द्वारा गुलबाई टेकरा क्षेत्र को छावनी क्षेत्र घोषित किया गया था। इसके बगल में ही स्कूल स्थित है।
इस संबंध में कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. मनीष दोषी ने कहा, “निगम के भ्रष्ट शासकों को बच्चों की कोई चिंता नहीं है। ये सभी गरीब परिवारों के बच्चे हैं। जिन छात्रों को स्कूल बुलाने का आदेश दिया गया है, उनके खिलाफ लापरवाही का मुकदमा चलना चाहिए।“