असम में कल दूसरे चरण के मतदान के बाद इलेक्शन कमीशन सवालों और संदेहो के घेरे में आ गया है। मतदान होने के बाद जहा चुनाव अधिकारियो को ईवीएम के साथ सरकारी गाड़ी में होना चाहिए था , वही वह सरकारी वाहन में ना होकर एक प्राइवेट गाड़ी में पाए गए। यही नहीं बल्कि ईवीएम भी उनके साथ बरामद की गई। लोग तब ज्यादा भड़क गए जब उन्हें पता चला कि जिस गाड़ी में चुनाव अधिकारी ईवीएम मशीन के साथ पाए गए वह भाजपा के स्थानीय उम्मीदवार कृष्णेंदु पॉल की गाड़ी थी। इस पर लोगो का गुस्सा सातवे आसमान पर हो गया। लोगो ने भाजपा नेता कृष्णेंदु पॉल और उनकी गाड़ी पर हमला बोल दिया। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने इस मामले पर आपत्ति जताते हुए ईवीएम के इस्तेमाल पर सवाल खड़े कर दिए है। हालाँकि , इस मामले में लापरवाही बरतने पर 4 चुनाव अधिकारियो को सस्पेंड कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार पाथरकांडी विधानसभा में एक ईवीएम जब्त की गई, क्योंकि भीड़ ने उस गाड़ी को रोक लिया, जिसमें यह ईवीएम ले जाई जा रही थी। लोगों का कहना था कि ये गाड़ी इलेक्शन कमीशन की नहीं है। इसकी बाबत यह कहा जा कि इलेक्शन कमीशन की गाड़ी खराब हो गई थी, इसके बाद चुनाव अधिकारियों ने पास से गुजर रही एक कार में लिफ्ट ली। ये कार एक भाजपा कैंडिडेट की थी। इस पर हमला भी किया गया। पुलिस ने इलेक्शन कमीशन की गाड़ी पर हमला करने वालों पर रिपोर्ट दर्ज की है। ईवीएम को कब्जे में ले लिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि ईवीएम सुरक्षित है और इसके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है।
उधर , दूसरी तरफ इस मामले का वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने विरोध प्रकट किया है। प्रियंका गांधी ने कहा कि जब प्राइवेट गाड़ियों में ईवीएम मिलती हैं तो ऐसे मामलों को इकलौती घटना बताया जाता है और भूल मानकर खारिज कर दिया जाता है। वीडियो एक्सपोज करने वालों को भाजपा वाले मीडिया का इस्तेमाल कर हारा हुआ साबित करते हैं। वास्तव में ऐसे बहुत सारी घटनाएं हो रही हैं और कोई कदम नहीं उठाया जाता। इलेक्शन कमीशन को कदम उठाना चाहिए। सभी राष्ट्रीय दलों को ईवीएम के इस्तेमाल पर दोबारा विचार करना चाहिए।