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भारत में कोरोना की दूसरी लहर में छीन गया 75 लाख से अधिक लोगों का रोजगार

कोरोना संकट ने एक बार फिर मजदूर वर्ग के मन में एक अराजकता पैदा कर दी है। लॉकडाउन का संकट गहराता ही जा रहा है क्योंकि देश में कोरोना की दूसरी लहर चल रही है। राज्य स्तर पर चल रहे लॉकडाउन ने पहले ही छोटे और बड़े उद्यमों को प्रभावित किया है। इनमें से लाखों श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं।

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) की एक हालिया रिपोर्ट में बेरोजगारी की सच्चाई सामने आई है। CMIE के अनुसार, कोरोना की दूसरी लहर से अप्रैल में 7.5 मिलियन लोगों की नौकरियों के छूट गई हैं।

कोरोना की दूसरी लहर ने देश को झकझोर कर रख दिया है। स्वास्थ्य प्रणाली लगभग ध्वस्त हो गई है। सीएमआईईई के निदेशक महेश व्यास ने कहा कि रोजगार के अवसरों के लिहाज से भविष्य चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर गंभीर लॉकडाउन के कारण अप्रैल में 7.5 मिलियन लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। नतीजतन, बेरोजगारी दर इस महीने 8 प्रतिशत के करीब आ गई है। यह पिछले चार महीनों में सबसे अधिक बेरोजगारी दर है।

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केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 7.97 प्रतिशत है। शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 7.13 प्रतिशत है। ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 7.13 प्रतिशत है। इससे पहले मार्च में राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 6.50 फीसदी थी।

व्यास ने कहा, हम नहीं जानते कि कोरोना महामारी कब खत्म होगी, लेकिन बेरोजगारी का संकट कुछ और महीनों तक जारी रहेगा। उन्होंने समझाया कि इस बीच बेरोजगारी की स्थिति अभी भी पहले लॉकडाउन की तरह गंभीर नहीं है। पिछले साल देश की बेरोजगारी दर 24 फीसदी थी। लॉकडाउन के कारण अरबों कामगारों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी।

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