कोरोना महामारी के बावजूद इस साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव समय पर होंगे। उल्लेखनीय है कि कुछ राजनीतिक दल महामारी के चलते चुनाव स्थगित करने की मांग कर रहे हैं।देश में लगभग छह -सात महीनों से कोरोना का कहर चरम पर है।अब तक हजारों लोगों की जानें जा चुकी हैं।लेकिन सब कुछ लंबे समय तक बंद नहीं किया जा सकता। यही वजह है कि अनलॉक की प्रक्रिया शुरू करनी पड़ी। इस बीच चुनाव आयोग भी अब अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव सहित अन्य उपचुनावों की तैयारी में जुट गया है।
आयोग कोरोना संक्रमण को देखते हुए रैलियों में सार्वजनिक उपस्थिति पर प्रतिबंधों, मतदान केंद्रों में और मतगणना हॉल के अंदर सख्त सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने, डोर-टू-डोर कैंपेन, सहित अन्य जरूरी पहलुओं पर दिशा निर्देशों को अंतिम रूप दे रहा है।इससे राजनीतिक पार्टियों की चिंता बढ़ गई है।
243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर तक है। इस बात का संकेत है कि विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर में किसी समय कराया जा सकता है। निर्वाचन आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बिहार में चुनाव निश्चित रूप से समय पर होगा।
राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने महामारी के दौर में चुनाव कराने पर सवाल उठाया है। सत्तारूढ़ राजग में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी ने भी निर्वाचन आयोग से महामारी को देखते हुए चुनाव स्थगित करने की मांग की है।
राजनीतिक दलों ने हाल ही में निर्वाचन आयोग के एक पत्र का जवाब दिया था। अपने पत्र में आयोग ने महामारी के दौर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव और अन्य उप चुनावों के लिए प्रचार किए जाने को लेकर सुझाव मांगा था।
पिछले सप्ताह आयोग ने इसको लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किया था। इसके मुताबिक, चुनाव के दौरान मतदाता ग्लव्स पहनकर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का बटन दबाएंगे। क्वारंटाइन चल रहे मतदाताओं को आखिरी घंटे में मतदान की इजाजत दी जाएगी। कंटेनमेंट जोन में रहने वाले मतदाताओं के लिए अलग से दिशा-निर्देश जारी किया जाएगा।
इसके अलावा आयोग ने चुनाव से एक दिन पहले मतदान केंद्र को सैनिटाइज करने की सिफारिश की है। मतदान केंद्र के प्रवेश द्वार पर थर्मल स्कैनर लगाया जाएगा। मतदान केंद्र पर मतदाताओं के प्रवेश के समय उनकी थर्मल स्कैनिंग की जाएगी।
यदि विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने से पहले चुनाव नहीं कराया जा सका, तो निर्वाचन आयोग कानून मंत्रालय से एक प्रमाणपत्र मांगेगा, जिसमें कारण का विस्तृत विवरण रहेगा। निर्वाचित विधानसभा की अनुपस्थिति में राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाएगा।