असम में बीजेपी नेता हेमत बिस्वा सरमा पर चुनाव आयोग ने 48 घंटे का प्रतिबंध लगा दिया है। उनके ऊपर यह प्रतिबंध उनके द्दारा बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट के नेता हगरमा मोहिलरी पर की गई टिप्पणी के चलते लगा है। सरमा ने मोहिलरी को जेल भेजने की धमकी दी थी। कांग्रेस ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की। जिसके बाद यह एक्शन लिया गया। वहीं हेमंत बिस्वा सरमा ने इसकी शिकायत गुवाहाटी हाईकोर्ट में शिकायत की है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने हेमंत सरमा को 48 घंटे के लिए चुनाव प्रचार से हटाकर साबित कर दिया कि भाजपा चुनाव हार गई है और अब अलग-अलग तरकीबे निकाल रही है। हम चुनाव आयोग से अपील करते है कि वह नरेंद्र मोदी, अमित शाह, सर्बानंद सोनोवाल और जेपी नड्डा पर भी प्रतिबंध लगाए। ये लोग अखबारों में बड़े-बड़े में विज्ञापन दे रहे है।
सरमा ने 29 मार्च को अपनी एक सभा के दौरान कहा था कि नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी की जांच बिठाकर कांग्रेस और बोडोलैंड के नेताओं को जेल भिजवाया जाएगा। कांग्रेस ने 30 मार्च को इस बात की शिकायत चुनाव आयोग को की और कहा कि उनके चुनाव-प्रचार पर रोक लगाई जाए। कांग्रेस की शिकायत के बाद चुनाव आयोग सख्ती में आया और हेमंत बिस्वा सरमा के चुनाव प्रचार पर 48 घंटे के लिए रोक लगा दी।
हेमंत विस्वा सरमा 2001 में राजनीति में आए, तीन बार कांग्रेस की तरफ से विधायक रहे। लेकिन जब 2015 में तरुण गोगोई से विवाद हुआ, उसके बाद कांग्रेस छोड़ बीजेपी में चले गए थे। 2016 में हेमंत बिस्वा सरमा बीजेपी के पार्टी संयोजक बने। जब भाजपा 2016 में सत्ता में आई तो उन्होंने हेमंत बिस्वा सरमा को मंत्री बनाया गया।