भारत समेत पूरी दुनिया कोरोना वायरस से जूझ रही है, लेकिन जिस देश से यह वायरस सभी देशों में फैला है वहां धीरे धीरे जीवन सामान्य हो रहा है। चीनी आंकड़ों के मुताबिक चीन में कोरोना वायरस से बहुत कम मौतें और मामले सामने आए हैं, हालांकि विपक्ष को दुनियाभर में कोरोना वायरस की दो से तीन लहरों का सामना करना पड़ा है जिसमें लाखों लोगों की जान चली गई है। हालांकि कोरोना वायरस केस को हुए इतने दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि वायरस कैसे फैला। ये सहज रूप में? या फिर इसे जानबूझकर लैब से फैलाया गया?
चीनी लैब से पैदा हुआ कोरोना वायरस?
अमेरिका के दो विशेषज्ञों ने रविवार, 30 मई को कहा कि भविष्य में महामारी से बचने के लिए कोविड-19 की उत्पत्ति की जांच में चीन के सहयोग की जरूरत है। ट्रंप प्रशासन के दौरान खाद्य एवं औषधि प्रशासन में एक आयुक्त और फाइजर के बोर्ड के मौजूदा सदस्य स्कॉट गोटलिब ने कहा कि ऐसी खबरें थीं कि कोरोना वायरस चीन के वुहान में एक प्रयोगशाला से आया था।
भविष्य में नई बीमारी का खतरा!
टेक्सास चिल्ड्रन हॉस्पिटल सेंटर फॉर वैक्सीन डेवलपमेंट के सह-निदेशक पीटर होट्ज़ ने कहा कि अगर कोरोना वायरस के ठिकाने का पता नहीं चलता है तो भविष्य में एक नई महामारी का खतरा है।
कोविड-26 और कोविड-36 आ सकते हैं: पीटर
पीटर ने कहा कि अगर कोरोना वायरस को ठीक से नहीं समझा गया तो कोविड-26 या कोविड-32 भी हो सकता है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस के फैलने के बाद से अलग-अलग विशेषज्ञों और संगठनों द्वारा अलग-अलग दावे किए गए हैं। चीन ने हमेशा उन सभी दावों का खंडन किया है, कई संगठनों का मानना है कि कोरोना वायरस लैब से फैला है। हालांकि, कुछ अध्ययनों ने सुझाव दिया है कि वायरस चीन के समुद्री भोजन बाजार से फैल सकता है। हालांकि इन तमाम दावों के बीच हकीकत अभी लोगों के सामने नहीं आई है।
अमेरिका के राष्ट्रपति ने जांच का आदेश दिया
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बिडेन ने भी कुछ दिन पहले कहा था कि यह पता लगाने की जरूरत है कि वायरस की उत्पत्ति कहां से हुई। उन्होंने एजेंसियों को 90 दिनों के भीतर रिपोर्ट देने का भी आदेश दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी एजेंसी में इस बात पर असहमति थी कि क्या वायरस प्राकृतिक रूप से फैला है या लैब से लोगों तक पहुंचा है।