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मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों को मिली राहत; रेड लाइन पर दौड़ी आठ कोचों वाली ट्रेन

दिल्ली मेट्रो की रेड लाइन पर प्रतिदिन होने वाली भीड़ को देखते हुए ‘दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ( डीएमआरसी )’ ने यात्रियों को होने वाली परेशानियों से राहत दिलाने के लिए रेड लाइन पर 6 कोचों वाली ट्रेन के बदले 8 कोचों वाली ट्रेन की शुरुआत की है। जिसमें अब पहले की तुलना में करीब 500 अधिक लोग सफर कर सकेंगे।

 

गौरतलब है की दिलशाद गर्दन से रिठाला को जोड़ने वाली यह मेट्रो (रेड लाइन) दिल्ली के सबसे व्यस्त मेट्रो लाइन में से भी एक है। डीएमआरसी ने मंगलवार को रेड लाइन पर आठ कोच वाली दो ट्रेनों का पहला सेट शुरू किया। अब धीरे-धीरे ऐसी अन्य ट्रेनों की शुरुआत बाकी मार्गों पर भी की जाएगी। जिन स्टेशनों पर यात्रियों की अधिक संख्या का दबाव देखने को मिल रहा है। कहा जा रहा है कि रेड लाइन की कुल 39 ट्रेनों में 78 कोच जोड़े जायेंगे जिन्हे मेसर्स भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) से खरीदा गया है। रेड लाइन 4 मौजूदा इंटरचेंज स्टेशन वेलकम, कश्मीरी गेट, इंद्रलोक और नेताजी सुभाष प्लेस सहित रेड लाइन के अन्य स्टेशनों से रोजाना करीब 4.7 लाख यात्री सफर करते हैं।
मेट्रो ट्रेन में किये जा रहे बड़े परिवर्तन के विषय में मेट्रो अधिकारीयों का कहना है कि रेड लाइन पर इस परियोजना को 2024 तक पूरा किए जाने की संभावना है। यह करना जरुरी भी है क्योंकि रेड लाइन चार मौजूदा इंटरचेंज स्टेशनों (वेलकम, कश्मीरी गेट, इंद्रलोक और नेताजी सुभाष प्लेस) में डीएमआरसी नेटवर्क का सबसे पुराना और महत्वपूर्ण रूट में से एक है।

 

मेट्रो की शुरुआत कब हुई

 

दिल्ली मेट्रो की शुरुआत 24 दिसंबर, 2002 को शहादरा तीस हजारी लाईन से हुई थी। मेट्रो की अधिकतम गति 80 किमी प्रति घंटा रखी गयी है और यह हर स्टेशन पर करीब 20 सेकेंड तक रुकती है। मेट्रो की सभी ट्रेनों का निर्माण दक्षिण कोरिया की कंपनी रोटेम (ROTEM) द्वारा किया गया है। आज दिल्ली की परिवहन व्यवस्था में मेट्रो एक महत्वपूर्ण साधन बन गया है। जिससे सड़कों पर होने वाले ट्रेफिक में भी कमी आई है। क्योंकि इससे पहले परिवहन का अधिकतर बोझ सड़क पर था। शुरुआत में मेट्रो को छह मार्गों पर चलने की योजना बनाई गई थी जो दिल्ली के ज्यादातर हिस्से को जोड़ते थे। इसके बाद मेट्रो के नेटवर्क का विस्तार किया गया और दिल्ली एनसीआर के क्षेत्रों जैसे गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुड़गाँव और नोएडा को भी मेट्रो द्वारा जोड़ा गया।

 

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