नई शिक्षा नीति के तहत भारत शिक्षा के वैश्वीकरण को बढ़ावा दे रहा है। जल्द ही विदेशों में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान यानी आईआईटी के दो नए कैंपस खुल सकते हैं। दुनियाभर में भारत तकनीक और शिक्षा के मामले में आगे बढ़ रहा है। इसी के चलते अब विदेशों से आईआईटी दिल्ली को दो कैंपस खोलने के प्रस्ताव हैं। दो देश मिस्र (इजिप्ट) और सऊदी अरब अपने यहां आईआईटी दिल्ली का कैंपस चाहते हैं। फिलहाल विदेशों में अपने इन नए परिसरों के लिए आईआईटी दिल्ली ने केंद्र सरकार से अनुमति मांगी है। इस विषय में आईआईटी दिल्ली द्वारा मिस्र (इजिप्ट) और सऊदी अरब के साथ चर्चा की जा रही है।
आईआईटी दिल्ली के निदेशक वी. राम गोपाल राव द्वारा आईएएनएस से बातचीत में बताया गया कि आईआईटी कैंपस खोलने के लिए मिस्र और सऊदी अरब की सरकारों ने प्रस्ताव दिया है। इसके बाद अब आईआईटी दिल्ली ने इसके लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी है।
गौरतलब है कि जेईई की परीक्षा विदेशी केंद्रों में भी आयोजित की जा रही है। जेईई परीक्षा कोलंबो, दोहा, दुबई, काठमांडू, मस्कट, रियाद, शारजाह, सिंगापुर, कुवैत, क्वालालंपुर और लागोस आयोजित की गई है। यह परीक्षा 334 भारतीय शहरों में आयोजित की गई थी।
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देश भर के विभिन्न आईआईटी संस्थानों में जेईई परीक्षा के आधार पर ही दाखिला मिलता है। वहीं इस बार मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट-यूजी’ भी पहली बार भारत सरकार की पहल पर दुबई में आयोजित की गई। आईआईटी दिल्ली के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से विदेशी परिसरों के लिए अनुमति मांगी गई है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय शिक्षा के क्षेत्र में भारत और अमेरिका की भागीदारी के लिए भी एक नया मार्ग खोल रहा है। इसके जरिए भारत और अमेरिका एक दूसरे के साथ रिसर्च के क्षेत्र में सहयोग करेंगे। दोनों देशों के बीच छात्रों और शिक्षकों की दोतरफा गतिशीलता तय की जाएगी। साथ ही दोनों देशों के शैक्षणिक संस्थान आपस में साझेदारी करेंगे।
भारत और अमेरिका के बीच यह साझेदारी विशेष रूप से उद्योग केंद्रित शिक्षा और दोनों देशों की उच्च शिक्षा को आपस में जोड़ने के लिए है। भारतीय दूतावास और वाणिज्य दूतावासों द्वारा सुगम ‘भारत-अमेरिका शिक्षा भागीदारी को आगे बढ़ाने’ पर एक गोलमेज सम्मेलन किया गया है।