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शिक्षा मंत्री के ‘योग अनिवार्य’ फरमान से अध्यापकों में बैचेनी

उत्तर प्रदेश में नवनियुक्त शिक्षा मंत्री ने चार्ज संभालते ही ऐसे आदेश दे दिए है जिसमें अध्यापक वर्ग में बैचेनी है। बेचैनी इस बात को लेकर है कि शिक्षा मंत्री ने सूबे के सभी स्कूलो और मंदरसो में एक फरमान जारी कर दिया है। जिसका परिपालन करना सभी स्कूलों को जरुरी है। प्रदेश के अध्यापकों में परेशानी इस बात को लेकर है कि इस आदेश का पालन एक वर्ग विशेष के लोग करने में आनाकानी कर रहे है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के नवनियुक्त शिक्षा मंत्री ने सभी स्कूलों में 15 मिनट का योग अनिवार्य कर दिया गया है। इसके साथ ही ये नियम मदरसों और अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों में भी लागू होगा।
यह फरमान उत्तर प्रदेश के नवनियुक्त बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश द्विवेदी ने कार्यभार संभालते हुए जारी किया है। यह आदेश मंत्री ने विभाग की हुई पहली बैठक में दिए ।

याद रहे कि उत्तर प्रदेश के करीब 1.5 लाख सरकारी प्राइमरी स्कूल हैं जिनमें करीब डेढ़ करोड़ बच्चे पढ़ रहे हैं। मंत्री के आदेश का पालन करते हुए ये बच्चे अब सुबह की प्रार्थना के साथ ही योग भी करेंगे।

शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने अधिकारियों से कहा है कि वे इस बात को सुनिश्चित कराएं कि सभी स्कूलों में सुबह होने वाली प्रार्थना सभा के दौरान 15 मिनट का योग सत्र भी हो। इतना ही नहीं बल्कि सूबे के शिक्षा मंत्री ने यह भी आदेश सभी अध्यापको को दिए है जिसमें स्कूल खत्म होने से पहले छात्रों को 15 मिनट पीटी क्लास भी करनी होगी।
शिक्षा मंत्री के मंदरसो और स्कूलों में योग की शिक्षा देने से अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की विपरीत प्रक्रियाए आ रही है। जिससे अध्यापकों में उहापोह की स्थिति बताई जा रही है।

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