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ED ने लालू प्रसाद यादव से जुड़े 15 ठिकानों पर मारे छापे, ‘इस’ वजह से हुई कार्रवाई

प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने लालू प्रसाद यादव के दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश में उनके और उनके करीबियों के 15 ठिकानों पर छापेमारी की है। ईडी ने यह कार्रवाई लालू प्रसाद यादव और उनके करीबियों के खिलाफ की है। यह कार्रवाई नौकरी के लिए जमीन घोटाले के तहत की गई है। इससे पहले सीबीआई ने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबिदेवी से भी पूछताछ की थी। ईडी ने तेजस्वी यादव के दिल्ली स्थित फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित घर पर भी छापेमारी की है। पटना में राजद के पूर्व विधायक अबु दोजाना के घर पर भी छापेमारी की गई है।

2024 में बीजेपी का सफाया हो जाएगा

ईडी की इस कार्रवाई के बाद राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि भाजपा का लोकतंत्र में विश्वास नहीं है और इसलिए हमें परेशान किया जा रहा है। लोग यह सब देखते हैं। 2024 में बीजेपी का सफाया हो जाएगा।

राबड़ी देवी की सीबीआई जांच

इससे पहले सीबीआई ने सोमवार को बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से पूछताछ की थी। उसके बाद सीबीआई की टीम मीसा भारती के दिल्ली स्थित घर भी गई और उनसे पूछताछ की।

क्या है रोहिणी आचार्य का ट्वीट?

लालू प्रसाद यादव की जांच के बाद उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने ट्वीट के जरिए केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, “मेरे 74 वर्षीय पिता को परेशान किया जा रहा है। अगर उन्हें कुछ हो गया तो मैं किसी को नहीं बख्शूंगी मेरे पिता को इस तरह परेशान करना ठीक नहीं है। ये सब बातें याद रहेंगी। समय बलवान है, बलवान है। इसे किसी को नहीं भूलना चाहिए। “

क्या है नौकरी के बदले जमीन घोटाला?

मई 2022 में सीबीआई ने लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया। आरोप लगाया गया है कि लालू प्रसाद जब केंद्रीय रेल मंत्री थे, तब उन्होंने रेलवे में नौकरी के बदले प्लॉट स्वीकार किया था। सीबीआई के मुताबिक, जब लालू प्रसाद रेल मंत्री थे, तब पटना के 12 लोगों को रेलवे में ग्रुप ‘डी’ पदों पर नियुक्त किया गया था। इन नियुक्तियों के बदले में लालू प्रसाद परिवार को पटना और उसके आसपास सात भूखंड बहुत कम दरों पर मिले। सीबीआई ने बताया कि प्लॉट रेलवे में नौकरी पाने वाले 12 लोगों के परिवारों के थे।

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