शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण की फिल्म पठान से शुरू हुआ विवाद बढ़ता ही जा रहा है। फिल्म को बैन करने की मांग की जा रही है। इस पृष्ठभूमि में बसपा सांसद दानिश अली ने लोकसभा में इस मुद्दे को उठाया और कहा कि विरोध और प्रतिबंध का एक नया चलन शुरू हो गया है। सेंसर बोर्ड को फिल्मों पर फैसला लेने देना चाहिए।
अली ने जीरो विजिल का मुद्दा उठाते हुए कहा, ‘यह नया चलन है, सरकार में बैठे लोग फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं। उलेमा बोर्ड के एक व्यक्ति ने भी शाहरुख और दीपिका पादुकोण की फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
सेंसर बोर्ड करे फिल्म को मंजूरी देने का काम
साथ ही उन्होंने कहा, “क्या सनातन धर्म इतना कमजोर है कि एक रंग से खतरे में पड़ जाएगा?” इस्लाम भी इतना कमजोर नहीं है कि कोई फिल्म उसे चोट पंहुचा दे। सरकार को यह देखना चाहिए कि सेंसर बोर्ड फिल्म को मंजूरी देने का काम करे।”
नरोत्तम मिश्रा समेत कई नेताओं ने की फिल्म पर बैन की मांग
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल पठान फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वालों में शामिल हैं। मध्य प्रदेश में उलेमा बोर्ड ने भी इस्लाम की गलत व्याख्या के लिए फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
फिल्म ‘पठान’ रिलीज से पहले ही विवादों में घिर गई है। दावा किया जा रहा है कि फिल्म का गाना ‘बेशरम रंग’ हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाता है और तो और मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में ‘बेशरम रंग’ गाने को लेकर विरोध भी हुआ है। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री ने गाने में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण द्वारा पहने गए कपड़ों के रंग पर आपत्ति जताई।