कोरोना महामारी के दौरान दुनिया भर में लोगों को कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ी है। महामारी के चलते कई लोगों की थाली से भोजन दूर हो गया तो कहीं तक तो पंहुचा ही नहीं। दुनिया की एक बड़ी आबादी दाने-दाने को मोहताज है। बीते एक साल में 4 करोड़ लोग भुखमरी की कगार पर हैं। यह जानकारी हाल ही में जारी द्वारा जारी यूनाइटेड नेशन की रिपोर्ट से सामने आई है। 4 अप्रैल, बुधवार को UN की एक संस्था फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन द्वारा एक नया आंकड़ा जारी किया गया है।
इसमें भुखमरी से जूझ रहे लोगों का आंकड़ा सामने आया है। रिपोर्ट के मुताबिक इस समय दुनिया की 19. 3 करोड़ आबादी भुखमरी में जी रही है। दुनिया में लगातार हो रहे संघर्ष, प्राकृतिक आपदाएं और आर्थिक संकट लोगों को इस हालत में लाने के लिए जिम्मेदार हैं।
खाद्य एवं कृषि संगठन की रिपोर्ट के अनुसार 53 देश भुखमरी की इस समस्या से जूझ रहे हैं। लेकिन डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, इथियोपिया, यमन और अफगानिस्तान में स्थिति सबसे गंभीर है। इस भुखमरी से दुनिया की एक बड़ी आबादी मौत के मुंह में जा सकती है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2020 के अनुसार भारत के 14% बच्चे भुखमरी के कारण कुपोषित हो जाते हैं।
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रिपोर्ट में रूस-यूक्रेन युद्ध को अंतरराष्ट्रीय महंगाई बढ़ने का एक प्रमुख कारण माना गया है। रूस-यूक्रेन दोनों ही कृषि उत्पादों से गेहूं, सूरजमुखी के तेल और उर्वरकों के प्रमुख निर्यातक हैं। गौरतलब है कि भुखमरी के मामले में सोमालिया, कांगो समेत रूस-यूक्रेन से गेहूं आयात करने वाले देशों की हालत सबसे खराब है।
2020 की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस क्षेत्र में रहने वाले 37.5 करोड़ से अधिक लोग भुखमरी से ग्रसित थे। यही आकंड़ा वर्ष 2019 में 32.1 करोड़ था, जिसका साफ़ अर्थ निकलता है कि कोरोना महामारी के कहर के बाद से भुखमरी से ग्रस्त लोगों की इस संख्या में 5.4 करोड़ का इजाफा देखा गया है। जो वहीं इस क्षेत्र में रहने वाले करीब 110 करोड़ लोगों को दो वक्त का भरपेट भोजन नसीब नहीं हो पा रहा है।
एफएओ की ओर से इससे पहले जारी एक अन्य रिपोर्ट ‘द स्टेट ऑफ फूड एंड एग्रीकल्चर 2021’ में बताया गया था कि अपने बच्चों के लिए दुनिया की 42 फीसदी आबादी पोषक आहार खरीदने में असमर्थ है, जिसका आंकड़ा 300 करोड़ से अधिक है। वहीं ऑक्सफेम ने भी एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट का शीर्षक ‘द हंगर वायरस मल्टीप्लाइज’ है। इस रिपोर्ट से भी उजागर होता है कि दुनिया भर में भूख के चलते हर मिनट 11 लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। कोविड-19, संघर्ष और जलवायु परिवर्तन इसके कारण हैं।
2018-20 के लिए एफएओ की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार भारत में 20 करोड़ से ज्यादा लोग कुपोषण का शिकार थे। यानी कि करीब 15.3 फीसदी आबादी पोषण की कमी का सामना कर रही थी। वहीं पांच वर्ष से कम उम्र के करीब एक तिहाई बच्चों का समुचित विकास नहीं हो पा रहा है।