- दाताराम चमोली
लॉक डाउन के दौरान दिल्ली-एनसीआर के लोगों को कोरोना के साथ ही भूकंपों ने भी खूब डराये रखा। इस दौरान 12 अप्रैल से 29 मई तक यहां भूकंप के 10 झटके आए। विशेषज्ञों के मुताबिक भूकंप के झटकों का यह सिलसिला अभी रुकने वाला नहीं है, बल्कि आगामी समय में बहुत खतरनाक रूप लेकर भी सामने आ सकता है।
दिल्ली भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील जोन 4 में स्थित है। इतने संवेदनशील क्षेत्र में 7.9 की तीव्रता तक के भूकंप आने की आशंकाएं रहती हैं। वैज्ञानिक मान रहे हैं कि दिल्ली-एनसीआर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में निरंतर आ रहे भूकंप के झटके किसी बडे़ खतरे का संकेत दे रहे हैं। महज डेढ़ महीने के अंतराल में ही जिस प्रकार यहां 10 भूकंप के झटके आये,उससे ऐसा लगता है कि आगामी समय में दिल्ली-एनसीआर में कोई बड़ा भूकंप आ सकता है। दिल्ली- एनसीआर में फॉल्ट लाइन का सक्रिय होना खतरनाक साबित हो सकता है। फॅाल्ट सिस्टम की वजह से 6 से 6.5 तीव्रता का भूकंप आने की आशंका रहती है। यदि ऐसा हुआ तो जाहिर है कि लोगों को बहुत बड़ी तबाही झेलनी पड़ सकती है।
तबाही की एक वजह यह रहेगी की दिल्ली- एनसीआर में कई भवन भूकंपरोधी मानकों के अनुसार नहीं हैं। कई भवन जर्जर स्थिति में हैं। इस बात की भी खबरें आती रही हैं कि कई जगहों पर बिल्डरों या भवन निर्माताओं ने निर्माण में निम्न स्तर की सामग्री का भी प्रयोग किया है। अतीत में भी दिल्ली को भूकंप की त्रासदी झेलनी पड़ी थी।