125 करोड़ की आबादी वाला ‘भारत’ देश आखिर क्यों नहीं जीत पाता ‘ढेरों मेडल’ ?राजधानी लखनऊ के दिग्गज पैरा शटलर अबु हुबैदा एक बुलंद हौसले वाले दिव्यांग खिलाड़ी हैं। अबु हुबैदा को 28 अगस्त 2018 को बिहार खेल रत्न सम्मान से नवाजा गया था। इस सम्मान को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीवन राम मांझी ने दिया था। अबु हुबैदा का भले ही दाहिना पैर सही से काम नहीं करता, मगर खेल के प्रति उनकी दीवानगी देखकर आप हैरान रह जाएंगे। अबु हुबैदा यूपी के दूसरे ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने एशियन पैरा गेम्स में क्वालीफाई किया था. इससे पहले सुहास एलवाई ने किया था।
वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप के महज दो हफ्ते का समय शेष है। ऐसे में वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप में जाने के लिए लखनऊ के इंटरनेशनल पैरा शटलर अबू हुबैदा जो इन दिनों अभ्यास करने की बजाए चंदा इकट्ठा करने में लगे हुए हैं।वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप में जाने और खेलने में कुल खर्चा तकरीबन दो लाख रुपए है।जबकि अभी कुल 70 हजार रुपये इकट्ठा हो पाए हैं। ऐसे में शटलर अबू हुबैदा को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप बासेल (स्विट्जरलैंड) में 19 से 25 अगस्त तक होने वाले वर्ल्ड पैरा बैडमिंटन के लिए भारत के 24 शटलरों ने क्वालिफाई किया था। इनमें से कुल 15 खिलाडियों को सरकार की ओर से भाग लेने की हरी झंडी मिली है। खेल मंत्रालय नें वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप आठ खिलाड़ियों को भारतीय टीम में शामिल होने का दिशा निर्देश दिया।
ऐसे में पैरा शटलर अबु हुबैदा का साफ तौर परकहना है कि मैं किसी सरकार की बुराई और चापलूसी नहीं कर रहा हूँ जो सच है वही बता रहा हूँ. मैं इंडिया का एकमात्र ऐसा व्हीलचेयर खिलाड़ी हूँ जिसनें अपने एक टूर्नामेनेट में तीन मेडल जीतें हैं. अगर सरकार ऐसे ही खिलाड़ियों को नज़र अंदाज़ करती रहेगी तो खिलाडियों का जज़बा कैसे बाहर आएगा, कोई नया खिलाड़ी कैसे आएगा ?साथ ही शटलर अबु हुबैदा अपने दर्द को बयां करते हुए कहते हैं कि भारत के लिए इतने मेडल जीते है, पर सरकार उनके लिए कुछ नहीं कर रही है। सरकार कोई भी हो सब सिर्फ आश्वासन ही देते हैं कि प्राइस मनी दी जाएगी या खिलाड़ियों को नौकरी दी जाएगी. पर आज तक ऐसा कुछ नहीं हुआ।
जून 2017 में योगी सरकार ने अबु हुबैदा को लोकमत अवॉर्ड दिया था। जब अबु हुबैदा ने यूगांडा अफ्रीका से खेल कर आये थे। यूगांडा के कम्पाला नगर में हुई इंटरनैशनल पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में उन्होंने दोहरी सफलता हासिल करते हुए देश का मान बढ़ाया था। जिसमें उन्होंने सिंगल्स में ब्रॉन्ज़ मेडल और डबल्स में गोल्ड मेडल जीता था। तब योगी सरकार से अवॉर्ड लेने के बाद मैंने उनसे पर्सनली मिलकर अपनी बात रखी थी। जहां आज हमारी सरकारें बात करती हैं सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास की तो वही योगी सरकार ने भी मेरी बात पर कोई ध्यान नहीं दिया है एक परसेंट भी काम नहीं हुआ।
जहां तक अबू की वर्तमान वर्ल्ड रैंकिंग 17 है, लेकिन उन्होंने जून में वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए क्वालिफाई कर लिया था। उन्हें मंत्रालय से अपने खर्चे पर जाने का निर्देश मिला। अबू कहते हैं अभी मुझे तकरीबन एक लाख बीस हजार रुपये जुटाने हैं।जिसके लिए लगातार लोगों से मिल रहा हूं।