अयोध्या मामले में ज्यादातर लोगों ने अपने -अपने विचारों को रखा है।किसी ने अपने धर्म पर बात रखी तो किसी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन किया है।कुमार विश्वास ने शुक्रवार-शनिवार को देर रात फेसबुक पर लाइव आकर लोगों से कहा कि दुनिया में कई देश हैं, जो भारत की बर्बादी पर खुश होते है। लेकिन हमें आपस में एक जुट रहना चाहिए।अयोध्या भूमि विवाद को लेकर पांच जजों की पीठ ने शनिवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड विवादित ढांचे पर अपना एक्सक्लूसिव राइट साबित नहीं कर पाया। कोर्ट ने विवादित ढांचे की जमीन हिंदुओं को देने का फैसला सुनाया, तो मुसलमानों को दूसरी जगह जमीन देने के लिए कहा सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद आप नेता कुमार विश्वास ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर कई चौपाई लिखकर प्रतिक्रिया दी।
साथ जीने की विरासत ही सँभाली जाए ,
और मुहब्बत की रिवायत भी बचा ली जाए,
फ़ैसला जो भी हो बस इतना सावधान रहें ,
मज़हबी आग पर नफ़रत न उबाली जाए..!“गिरा अरथ जल बीचि सम कहिअत भिन्न न भिन्न।
बंदउँ सीता राम पद जिन्हहि परम प्रिय खिन्न॥
बोलिए मर्यादा पुरुषोत्तम राम की जय
अयोध्या मामले में पांचों जजों की सहमति से फैसला सुनाया गया है। फैसला पढ़ने के दौरान पीठ ने कहा कि ASI रिपोर्ट के मुताबिक नीचे मंदिर था। CJI ने कहा कि ASI ने भी पीठ के सामने विवादित जमीन पर पहले मंदिर होने के सबूत पेश किए हैं। CJI ने कहा कि हिंदू अयोध्या को राम जन्म स्थल मानते हैं। हालांकि, ASI यह नहीं बता पाया कि मंदिर गिराकर मस्जिद बनाई गई थी। मुस्लिम गवाहों ने भी माना कि वहां दोनों ही पक्ष पूजा करते थे। रंजन गोगोई ने कहा कि ASI की रिपोर्ट के मुताबिक खाली जमीन पर मस्जिद नहीं बनी थी। साथ ही सबूत पेश किए हैं कि हिंदू बाहरी आहते में पूजा करते थे।