देश में कोरोना से निपटने के लिए भारत बायोटेक की वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ के आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के बाद से इस पर मच रहा बबाल अब थमने लगा है ।कोई इसके प्रभाव पर सवाल कर रहा था , तो कोई इसे बैकअप वैक्सीन कह रहा था । और दोनों वैक्सीनों, भारत बायोटक की ‘कोवैक्सीन’ और सीरम कंपनी की ‘कोविडशील्ड’ वैक्सीन को लेकर वार – पलटवार कर बयान जारी हो रहे थे। इस बीच बड़ी खबर है कि सीरम कंपनी के पूनावाला के लेटेस्ट ट्वीट से लग रहा है कि दोनों कंपनियों के बीच तरकार खत्म हो गए हैं। इसको लेकर ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी किया गया है।
I would like to clarify two matters; as there is confusion in the public domain, exports of vaccines are permitted to all countries and a joint public statement clearing up any recent miscommunication with regards to Bharat Biotech will be made.
— Adar Poonawalla (@adarpoonawalla) January 5, 2021
पहले अदार पूनावाला ने अपने ट्वीट में लिखा है, ‘मैं दो मामलों को स्पष्ट करना चाहूंगा; चूंकि लोगों में भ्रम की स्थिति है। सभी देशों को टीकों के निर्यात की अनुमति है। भारत बायोटेक के संबंध में किसी भी गलतफहमी को लेकर संयुक्त सार्वजनिक बयान दिया जाएगा।’
सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक संयुक्त रूप से देश और दुनिया को कोरोना टीका देने के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है। बयान में कहा गया है, “वैक्सीन एक वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य की सामग्री है। इसमें लोगों की जिंदगी बचाने और जल्द से जल्द आर्थिक स्थिति को सामान्य करने की क्षमता है। अब जब भारत में जब कोरोना के टीके को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी गई है। अब आबादी के हिसाब से इसके निर्माण, गुणवत्ता, सुरक्षा और वितरण पर ध्यान केंद्रित किया गया है। हमारी दोनों कंपनियां इस गतिविधि में पूरी तरह से लगी हुई हैं। बड़े पैमाने पर देश और दुनिया के लिए टीका उपलब्ध कराने को अपना कर्तव्य मानती हैं।” बयान में आगे कहा गया है कि हम लोगों और देशों के लिए टीकों के महत्व से पूरी तरह वाकिफ हैं।
इससे पहले भारत बायोटक की वैक्सीन पर जारी घमासान के बीच कंपनी के चेयरमैन कृष्णा इल्ला ने पलटवार किया था । उन्होंने कहा कि हम एक ग्लोबल कंपनी हैं और हमारे ऊपर ऐसे आरोप नहीं लगाने चाहिए कि हम क्लिनिकल अनुसंधान नहीं जानते। फर्म ने 200 फीसदी ईमानदार क्लीनिकल परीक्षण किए हैं।
कृष्णा इल्ला ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी कंपनी का सुरक्षित और प्रभावी टीके के उत्पादन करने का एक रिकार्ड है और वह सभी आंकड़ों को लेकर पारदर्शी है। उन्होंने कहा, ‘हम न केवल भारत में क्लीनिकल परीक्षण कर रहे हैं। हमने ब्रिटेन सहित 12 से अधिक देशों में क्लीनिकल परीक्षण किये हैं। उन्होंने कहा कई लोग सिर्फ भारतीय कंपनियों पर निशाना साधने के लिए अलग तरह से बातें कर रहे हैं। यह हमारे लिए सही नहीं है।’
पूनावाला ने क्या कहा था
सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ पूनावाला ने फाइजर, मॉडर्ना और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के अलावे अन्य टीकों को ‘पानी’ की तरह बताया था। इल्ला ने यह भी कहा कि भारत बायोटेक का टीका फाइजर के टीके से किसी भी तरह से कमतर नहीं है।
डॉ कृष्णा ने क्या कहा था
भारत बायोटेक के संस्थापक डॉ कृष्णा ने कोरोना वैक्सीन के प्रभावी होने को लेकर दिए बयानों पर सीरम इंस्टीट्यूट के अदार पूनावाला और एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया तक की आलोचना की है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला का नाम लिए बिना कृष्णा इल्ला ने कहा, ‘हम 200 फीसद ईमानदार क्लीनिकल परीक्षण करते हैं और फिर भी हमें बैकलैश मिलता है। अगर मैं गलत हूं, तो मुझे बताओ। कुछ कंपनियों ने हमारे टीके को ‘पानी’ की तरह बताया है। मैं इससे इनकार करना चाहता हूं। हम वैज्ञानिक हैं। हमारे ट्रायल पर कोई सवाल न उठाए।’ इसके अलावा उन्होंने कोवैक्सीन को बैकअप बताने वाले एम्स के चीफ रणदीप गुलेरिया को भी ऐसे बयान ना देने की सलाह दी।
भारत बायोटेक के चेयरमैन कृष्णा इल्ला ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी कंपनी का सुरक्षित और प्रभावी टीके के उत्पादन करने का एक रिकार्ड है और वह सभी आंकड़ों को लेकर पारदर्शी है।हम न केवल भारत में क्लीनिकल परीक्षण कर रहे हैं बल्कि हमने ब्रिटेन सहित 12 से अधिक देशों में क्लीनिकल परीक्षण किये हैं। कई लोग सिर्फ भारतीय कंपनियों पर निशाना साधने के लिए अलग तरह से बातें कर रहे हैं। यह हमारे लिए सही नहीं है।’
उन्होंने कहा कि कोवैक्सीन ने कई वायरल प्रोटीन के खिलाफ एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के साथ एक उत्कृष्ट सुरक्षा डेटा उत्पन्न किये हैं। इल्ला ने कहा कि उनकी कंपनी ने 200 प्रतिशत ईमानदार क्लीनिकल परीक्षण किये हैं। मुझे एक सप्ताह का समय दें, मैं आपको पुष्ट आंकड़े दूंगा। उन्होंने उल्लेख किया कि भारत बायोटेक ने 16 टीके बनाए हैं।हम केवल एक भारतीय कंपनी नहीं बल्कि वास्तव में एक वैश्विक कंपनी हैं। लोगों को यह आरोप नहीं लगाना चाहिए कि हम क्लीनिकल अनुसंधान नहीं जानते।
कांग्रेस नेताओं ने भी उठाए हैं सवाल
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने स्वदेशी वैक्सीन के लिए भारत बायोटेक के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं की सराहना की थी, लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं जैसे आनंद शर्मा, जयराम रमेश और शशि थरूर ने तीसरे चरण के परीक्षणों के बिना इसके टीके को मंजूरी देने पर चिंता जताते हुए कहा था कि यह समय से पहले है और खतरनाक साबित हो सकता है।