[gtranslate]
Country

निराशाजनक रहा मानसूत्र सत्र

  • प्रियंका यादव, प्रशिक्षु


इस बार का मानसून सत्र एक ओर जहां राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर खास रहा वहीं महंगाई, जीएसटी, सांसदों के निलंबन जांच एजेंसियों की कार्रवाइयों, धरना-प्रदर्शन और हंगामे के चलते इस सत्र में बहुत कम बिल पास हुए और ज्यादातर समय हंगामे की भेट चढ़ गया। काम के लिहाज से इस सत्र को निराशाजनक माना जा रहा है

 

बजट सत्र के बाद मानसून सत्र काफी महत्वपूर्ण माना जाता है, जिसमें सरकार द्वारा महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए जाते हैं। इसके साथ ही देश की नीतियों, समस्याओं और विकास योजनाओं के बारे में चर्चा की जाती है, लेकिन इस बार संसद का मानसून सत्र एक ओर जहां राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर खास रहा वहीं महंगाई, जीएसटी, सांसदों के निलंबन जांच एजेंसियों की कार्रवाइयों, धरना-प्रदर्शन और हंगामे के चलते सदन में बहुत कम बिल पास हुए और ज्यादातर समय हंगामे की भेट चढ़ने से काम-काज के लिहाज से यह सत्र काफी निराशाजनक रहा।


संसद सत्र के चार हफ्तों में से केवल एक हफ्ते ही सदन का काम सुचारू रूप से चल सका। दोनों सदनों के आंकड़ों के अनुसार ऐसा सातवीं बार है जब संसद के दोनों सदन को निर्धारित समय से पहले ही स्थगित कर दिया गया। इस दौरान 16 बैठकों में लोकसभा में महज सात तो राज्यसभा में चार विधेयक पारित किए गए वहीं लोकसभा के चार तो राज्यसभा के 23 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया। पूरे सत्र में कामकाज पर हंगामा भारी रहा। कई मुद्दों पर हंगामे के कारण राज्यसभा में 85 घंटे की जगह महज 38 घंटे की कार्यवाही चली। उच्च सदन में 45 फीसदी से भी कम कामकाज हो पाया। इसी प्रकार लोकसभा में 44 घंटे 29 मिनट ही कामकाज हो पाया। लोकसभा स्पीकर ने कहा कि इस बार सदन की उत्पादकता महज 48 फीसदी ही रही। गौरतलब है कि संसद का मानसून सत्र वैसे तो 12 अगस्त तक चलना था, लेकिन इसे निश्चित समय से चार दिन पहले ही स्थगित कर दिया गया। संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू हुआ था।


चार हफ्ते में सिर्फ एक हफ्ते चला संसद सत्र
इस बार का संसद सत्र हंगामा, निलंबन और धरना-प्रदर्शन के नाम ही रहा। इसके बारे में संसद सत्र की शुरुआत के पहले से ही आशंका जताई जा रही थी। महंगाई एवं बेरोजगारी के मुद्दे पर संसद सत्र की शुरुआत से ही विपक्ष के हंगामे के चलते सुचारू रूप से कार्रवाई नहीं चल सकी और अधिकतम समय हंगामें की भेंट चढ़ गया।

 


लोकसभा में केवल सात बिल ही हुए पास


इस बार के संसद सत्र के दौरान लोकसभा में 7 विधेयक ही पेश हो सके, जिसमें राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक 2022, वन्यजीव संरक्षण संशोधन विधेयक 2022, केंद्रीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2022, ऊर्जा संरक्षण संशोधन विधेयक 2022 सहित अन्य विधेयक शामिल हैं। इसके अलावा शून्यकाल के दौरान लोगों से जुड़े 98 मामले उठाए गए। इसके साथ ही संसद की स्थाई समितियों ने 41 रिपोर्ट पेश की और 47 मंत्रियों ने महत्वपूर्ण विषयों पर अपने वक्तव्य दिए।


लोकसभा में पेश किए गए विधेयक
1. कुटुंब न्यायालय (संशोधन) विधेयक 2022
2. केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2022
3. ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक 2022
4. नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (संशोधन) विधेयक 2022
5. प्रतिस्पर्धा (संशोधन) विधेयक 2022
6. विद्युत (संशोधन) विधेयक 2022

लोकसभा से पारित विधेयक
1. भारतीय अंटार्कटिक विधेयक 2022
2. कुटुंब न्यायालय (संशोधन) विधेयक 2022
3. राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक 2021
4. वन्य जीव (संरक्षण) संशोधन विधेयक 2021
5. केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2022
6. ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक 2022
7. नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (संशोधन) विधेयक 2022


राज्यसभा से पारित विधेयक
1. सामूहिक विनाश के हथियार और उनकी वितरण प्रणाली (गैरकानूनी गतिविधियों का निषेध) संशोधन विधेयक, 2022
2. भारतीय अंटार्कटिक विधेयक 2022
3. राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक 2021
4. कुटुंब न्यायालय (संशोधन) विधेयक 2022
5. केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2022
लोकसभा में वापस लिया गया विधेयक
1. निजी डेटा संरक्षण विधेयक 2019

महंगाई पर वार-पलटवार
दोनों सदनों में महंगाई पर पांच घंटे से अधिक की चर्चा में सरकार और विपक्ष के बीच जमकर वार-पलटवार हुआ। इससे दोनों सदनों में एक भी महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा नहीं हो पाई। खेलों को बढ़ावा देने के मुद्दे पर बीते सत्र की तरह इस सत्र में भी चर्चा अधूरी रही। वन्य जीव संरक्षण संशोधन बिल के इतर किसी दूसरे बिल पर सार्थक चर्चा नहीं हो पाई।


शून्यकाल में उठाए गए 98 मामले
मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में शून्यकाल के दौरान 98 तो नियम 377 के तहत 318 मामले उठाए गए। इस दौरान संसद की स्थाई समितियों ने 41 रिपोर्ट पेश कीं। मंत्रियों की ओर से 47 वक्तव्य दिए गए। इस दौरान 46 प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए। सत्र में 91 निजी विधेयक पेश किए गए।


महत्वपूर्ण होता है मानसून सत्र
संसद का मानसून सत्र काफी महत्वपूर्ण होता है। यह सत्र बजट सत्र के बाद आता है जो विधेयक बजट सत्र में पास नहीं हो पाते उन्हें इस सत्र के दौरान पास करने का प्रयास किया जाता है। विपक्षी दलों द्वारा किए गए हंगामे से कई बार कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा जिससे काफी नुकसान पहुंचा। सरकारी आंकड़ों के अनुसार संसद की कार्यवाही का एक मिनट का खर्च लगभग 2.5 लाख रुपए है। यानी 1 घंटे की कार्यवाही में लगभग 1.5 करोड़ रुपए लगता है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि मानसून सत्र की कार्यवाही स्थगित होने से और कोई काम- काज न होने से देश को करोड़ो रुपयों का नुकसान हुआ है।

You may also like

MERA DDDD DDD DD
bacan4d toto
bacan4d toto
Toto Slot
slot gacor
slot gacor
slot toto
Bacan4d Login
bacan4drtp
situs bacan4d
Bacan4d
slot dana
slot bacan4d
bacan4d togel
bacan4d game
slot gacor
bacan4d login
bacantoto 4d
toto gacor
slot toto
bacan4d
bacansport
bacansport
bacan4d
bacan4d
bacan4d
bacan4d
bacan4d
bacan4d
bacan4d
slot gacor
slot77 gacor
Bacan4d Login
Bacan4d toto
Bacan4d
Bacansports
bacansports
slot toto
Slot Dana
situs toto
bacansports
bacan4d
bacan4d
bacan4d
bacan4d
bacan4d
slot gacor
bacan4d
bacan4d
bacan4d online
bandar slot
bacan4d slot toto casino slot slot gacor